गोण्डा: सरकार द्वारा चलाई जा रही बेहद महत्वाकांक्षी योजना ‘एक जिला, एक उत्पाद’ में गोण्डा पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो गया है. इसका कारण यहां दलहन को चुना जाना है. जिसका उत्पादन गोण्डा में बिल्कुल न के बराबर होता है.
शासन ने जिले में 30 वर्ष पुराने उत्पादन रिकॉर्ड को मद्देनजर रखते हुए इस जिले का चयन दलहन उत्पाद के लिए किया था. इसको लेकर अब जिला प्रशासन भी परेशान है. जिला प्रशासन द्वारा लगातार शासन से दूसरे उत्पाद के चयन के लिए पत्राचार किया जा रहा है.
दलहन उत्पाद में गोण्डा फिसड्डी-
- यूपी दिवस के अवसर पर 24 जनवरी 2018 को शासन ने इस योजना को शुरू किया था.
- योजना ‘वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट’ जिसका उद्देश्य लघु एवं मध्यम उद्योग को बढ़ावा देना है.
- स्थानीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिल सके, इसकी योजना सरकार ने बनाई थी.
- योजना की मॉनिटरिंग के लिए शासन ने ओडीओपी प्रकोष्ठ की स्थापना की गई.
- ओडीओपी प्रकोष्ठ को योजना सुचारू रूप से चलाने के लिए स्थापित किया गया था.
- दलहन उत्पाद में जिला चयनित होने के बाद कृषि और उद्योग विभाग के अधिकारी बेहद परेशान हैं.
- उत्पादन शून्य होने के कारण इस योजना के तहत कोई भी उद्यमी आगे नहीं आया.
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दलहन उत्पाद के स्थान पर मुख्य फसल धान या चावल से संबंधित प्रोडक्ट को ‘वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट’ के तहत चयनित करने के लिए शासन को पत्र भेज रहा है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के तहत जनपद को दलहन के लिए चुना गया था, लेकिन वर्तमान में दलहन का उत्पादन जिले में शून्य है. जिलाधिकारी व आयुक्त के माध्यम से शासन को दलहन उत्पाद के स्थान पर धान से संबंधित या चावल उत्पाद को चयनित करने के लिए पत्राचार किया गया है. वैसे वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए लक्ष्य प्राप्त हो गया है.
-अश्विनी कुमार वर्मा, उपायुक्त उद्योग