गोण्डा: समाज के प्रति जागरूक छात्रा यामिनी समाज के गरीब और अभावग्रस्त नौनिहालों का भविष्य संवारने का काम कर रही हैं. यामिनी गरीब छात्रों को शिक्षा देने के साथ-साथ अपने जेब खर्च से बचत कर इन बच्चों के लिए कॉपी-किताब भी मुहैया कराती हैं. दरअसल शिक्षा और पर्यावरण के प्रति चिंतनशील यह छात्रा फॉरेस्ट विभाग की सेवा कर पर्यावरण को हरा-भरा बनाए रखना चाहती है.
आखिर कैसे हुई ये शुरुआत
जिले के गायत्रीपुरम मोहल्ले के एक छोटे से मकान में रहने वाली छात्रा यामिनी लाल बहादुर शास्त्री परास्नाकोत्तर महाविद्यालय में एमएससी द्वितीय वर्ष रसायन विज्ञान की छात्रा हैं. यामिनी बताती हैं कि जब वह कॉलेज पढ़ने जाती थी तो मोहल्ले के तमाम छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई की व्यवस्था के अभाव में सिलाई और चाय, पान की दुकान पर काम करते नजर आते थे.
यामिनी का कहना है कि इस बात का बहुत मलाल था कि इन बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. जिसके बाद यामिनी ने इन बच्चों के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया और इनके माता-पिता से मिलकर बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया. जब कुछ अभिभावक गरीबी की दुहाई देने लगे तो छात्रा ने बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने के साथ-साथ कॉपी किताब देने की भी जिम्मेदारी ले ली.
जानिए यामिनी ने क्या कहा
यामिनी कहती हैं कि अधिकांश प्राइवेट शिक्षण संस्थान सिर्फ दिखावा कर रहे हैं. ये संस्थान अभिभावक से केवल फीस के नाम पर मोटी रकम ले रहे हैं और फिर भी उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दे रहे हैं, जिससे इन नौनिहालों का आधार कमजोर होता जा रहा है. उन्होंने बताया कि मेरे इस काम में आज तक किसी सामाजिक या सरकारी संस्थान ने कोई मदद नहीं की. यामिनी कहती हैं कि हम अपने जेब खर्च से इन बच्चों को पढ़ाई के लिए कॉपी-किताब मुहैया कराते हैं.