गोंडा: जिले की गुलाबी महिला स्वयं सहायता समूह की सखियों ने कई ऐसे कार्य किए जिसकी लोग चर्चा कर रहे हैं. देशभर में जब लॉकडाउन हुआ था उस दौरान सहायता समूह की सखियों ने अपने घर पर रहकर गुलाबी स्वयं सहायता समूह बनाकर पहले प्रशिक्षण लिया, उसके बाद अपने गांव के खेतों में पौधरोपण कर पौध तैयार किए. इन महिलाओं ने गांव में नर्सरी बनाई.
गुलाबी समूह की सखियों ने कई तरह के पौधे लगाकर हरा-भरा नर्सरी तैयार किया है. जिले में 4 ब्लॉक- इटियाथोक, मनकापुर, छपिया व हलधरमऊ में 10 सहायता समूह हैं. इनमें काम करने वाली महिला सखियों ने लॉकडाउन के दौरान करीब 4 लाख पौधे तैयार किए हैं. इन पौधों की कीमत एक करोड़ बताई जा रही है.
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार किए 4 लाख पौधें गुलाबी सहायत समूह ने बताया ब्लॉक इटियाथोक स्थित विनुहनी गांव निवासी गुलाबी स्वयं सहायता समूह की अनीता और गीता देवी ने बताया कि लॉकडाउन में काफी परेशानी हो रही थी. इस समस्या को देखते हुए सीडीओ साहब ने महिलाओं को नर्सरी का प्रशिक्षण कराया. हम सभी महिलाओं ने गांव में लॉकडाउन के दौरान अपने खेतों में नर्सरी तैयार किया. अब इस नर्सरी में पेड़ तैयार हो गए हैं. जिसको विभाग खरीदेगा और वृक्षारोपण कराएगा. जिससे हम लोगों को पैसा मिल जाएगा. इन पैसों से हमारे परिवार का खर्च चल सकेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने बताया कि जिले के चार ब्लाक इटियाथोक, मनकापुर, छपिया व हलधरमऊ में 10 स्वयं सहायता समूह है. लॉकडाउन के समय स्वयं सहायता समूह ने गांव में नर्सरी तैयार किया है. नर्सरी में अब तक चार लाख की पौध तैयार हैं, जिसको वृक्षारोपण के लिए सरकार व विभाग खरीदेगा. जिले में चार लाख पौधे तैयार हैं, जिसकी कीमत एक करोड़ रुपये है.