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गोण्डाः किसानों से धान खरीद में गड़बड़ी करने वाले क्रय प्रभारियों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर - purchase of farmers in gonda

गोण्डा जिले में किसानों से धान खरीद को लेकर जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही दिखे सख्त. जिलाधिकारी ने सभी क्रय एजेंसियों को लिखित रूप से जारी किया पत्र, लापरवाही पर एफआईआर की कही बात. किसानों को अपने उत्पाद का विपणन करने के 72 घंटे के अन्दर भुगतान करने का दिया आदेश.

जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही
जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही
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Published : Dec 21, 2021, 1:34 PM IST

गोण्डाः उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में किसानों से धान खरीद को लेकर जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही सख्त दिखे. धान खरीद में जनपद के सभी क्रय प्रभारियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि कि यदि किसी भी स्तर पर किसानों से धान खरीद में शिथिलता बरतने या बिचौलियों का धान खरीदने की शिकायत मिली तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. किसानों की धान की खरीद में लापरवाही करने वाली एजेंसियों पर जिम्मेदारी तय होगी.

जिलाधिकारी ने सभी क्रय एजेंसियों को लिखित रूप से पत्र जारी कर सख्त निर्देश देते हुए बताया कि जनपद में विभिन्न कय एजेंसीज के संचालित धान कय केन्द्रों पर अपने उत्पाद के बेचने आने वाले किसानों द्वारा अक्सर यह शिकायत की जाती है कि उन्हें कय केन्द्रों पर काफी समय तक इंतजार कराया जाता है या कोई न कोई कमी बताकर धान खरीद करने से मना किया जाता है. क्रय केन्द्र प्रभारियों द्वारा कृषकों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायतें भी मिलीं हैं.

यह भी पढ़ें- गाजियाबाद किसानों ने जीडीए के बाहर लगाया बोरिया बिस्तर, कहा- जीडीए के बाहर बना देंगे गाजीपुर बॉर्डर


उन्होंने कहा कि जनपद में कुल 98 धान कय केन्द्र स्थापित व संचालित हैं इनमें खाद्य विपणन विभाग के 13, पीसीएफ के 24 यूपीएसएस के 22, यूपीपीसीयू के 35 तथा भारतीय खाद्य निगम व मण्डी समिति के 2-2 कय केन्द्र हैं. उन्होंने जिला खाद्य विपणन अधिकारी को निर्देशित किया है कि निरन्तर इस बात पर बल दिया जा रहा है कि कय केन्द्रों पर किसानों को अपने उत्पाद के विपणन में सहयोग प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी किसान को परेशान न होना पड़े, इसके बावजूद किसानों की ओर से प्राप्त होने वाली शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई हैं. लापरवाह व किसानों का धान खरीदने में आनाकानी करने वाली क्रय एजेंसी के जिला प्रभारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्रवाई की जाए.

उन्होंने निर्देशित किया है कि धान क्रय केन्द्रों पर आने वाले किसानों को सुगमतापूर्वक अपने उत्पाद का विपणन सुनिश्चित कराने तथा वहां की व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण के लिए यह आवश्यक है कि क्रय एजेंसीज के जिला प्रभारी प्रतिदिन अधिक से अधिक कय केन्द्रों का निरीक्षण करें और वहां पर व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण करते हुए किसानों से फीडबैक भी प्राप्त करें और यदि किसी कय केन्द्र प्रभारी द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही की जा रही है. जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा विपणन शाखा के कय केन्द्रों के साथ-साथ अन्य एजेंसीज के क्रय केन्द्रों का भी रैण्डम तौर पर निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का गहनता के साथ पर्यवेक्षण किया जाएगा तथा पाई गई कमियों का निराकरण कराते हुए निरीक्षण आख्या प्रस्तुत की जाएगी.

72 घण्टे के भीतर मिले भुगतानः डीएम
उन्होंने क्रय एजेंसी के जिला प्रभारियों को आगाह किया है कि समस्त क्रय केन्द्रों का संचालन शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप सुनिश्चित कराते हुए यह भी देखें कि कृषकों को अपने उत्पाद का विपणन करने के 72 घंटे के अन्दर भुगतान अवश्य प्राप्त हो जाए. उन्होंने कहा कि जिला प्रभारियों की यह भी जिम्मेदारी है कि कय केन्द्रों से धान की डिलीवरी मिलर्स को नियमित रूप से की जाए, ताकि केंद्र पर धान इकट्ठा न हो.

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गोण्डाः उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में किसानों से धान खरीद को लेकर जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही सख्त दिखे. धान खरीद में जनपद के सभी क्रय प्रभारियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि कि यदि किसी भी स्तर पर किसानों से धान खरीद में शिथिलता बरतने या बिचौलियों का धान खरीदने की शिकायत मिली तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. किसानों की धान की खरीद में लापरवाही करने वाली एजेंसियों पर जिम्मेदारी तय होगी.

जिलाधिकारी ने सभी क्रय एजेंसियों को लिखित रूप से पत्र जारी कर सख्त निर्देश देते हुए बताया कि जनपद में विभिन्न कय एजेंसीज के संचालित धान कय केन्द्रों पर अपने उत्पाद के बेचने आने वाले किसानों द्वारा अक्सर यह शिकायत की जाती है कि उन्हें कय केन्द्रों पर काफी समय तक इंतजार कराया जाता है या कोई न कोई कमी बताकर धान खरीद करने से मना किया जाता है. क्रय केन्द्र प्रभारियों द्वारा कृषकों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायतें भी मिलीं हैं.

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उन्होंने कहा कि जनपद में कुल 98 धान कय केन्द्र स्थापित व संचालित हैं इनमें खाद्य विपणन विभाग के 13, पीसीएफ के 24 यूपीएसएस के 22, यूपीपीसीयू के 35 तथा भारतीय खाद्य निगम व मण्डी समिति के 2-2 कय केन्द्र हैं. उन्होंने जिला खाद्य विपणन अधिकारी को निर्देशित किया है कि निरन्तर इस बात पर बल दिया जा रहा है कि कय केन्द्रों पर किसानों को अपने उत्पाद के विपणन में सहयोग प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी किसान को परेशान न होना पड़े, इसके बावजूद किसानों की ओर से प्राप्त होने वाली शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई हैं. लापरवाह व किसानों का धान खरीदने में आनाकानी करने वाली क्रय एजेंसी के जिला प्रभारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्रवाई की जाए.

उन्होंने निर्देशित किया है कि धान क्रय केन्द्रों पर आने वाले किसानों को सुगमतापूर्वक अपने उत्पाद का विपणन सुनिश्चित कराने तथा वहां की व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण के लिए यह आवश्यक है कि क्रय एजेंसीज के जिला प्रभारी प्रतिदिन अधिक से अधिक कय केन्द्रों का निरीक्षण करें और वहां पर व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण करते हुए किसानों से फीडबैक भी प्राप्त करें और यदि किसी कय केन्द्र प्रभारी द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही की जा रही है. जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा विपणन शाखा के कय केन्द्रों के साथ-साथ अन्य एजेंसीज के क्रय केन्द्रों का भी रैण्डम तौर पर निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का गहनता के साथ पर्यवेक्षण किया जाएगा तथा पाई गई कमियों का निराकरण कराते हुए निरीक्षण आख्या प्रस्तुत की जाएगी.

72 घण्टे के भीतर मिले भुगतानः डीएम
उन्होंने क्रय एजेंसी के जिला प्रभारियों को आगाह किया है कि समस्त क्रय केन्द्रों का संचालन शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप सुनिश्चित कराते हुए यह भी देखें कि कृषकों को अपने उत्पाद का विपणन करने के 72 घंटे के अन्दर भुगतान अवश्य प्राप्त हो जाए. उन्होंने कहा कि जिला प्रभारियों की यह भी जिम्मेदारी है कि कय केन्द्रों से धान की डिलीवरी मिलर्स को नियमित रूप से की जाए, ताकि केंद्र पर धान इकट्ठा न हो.

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