गोंडा: जिले मे आए एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला रोजगार समिति का गठन किया गया है. स्किल मैपिंग के बाद योग्यता अनुसार मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा.
सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने विकास भवन सभागार में विभागीय अफसरों के साथ बैठक की और उन्हें रोजगार सृजन की जिम्मेदारी सौंपी है. प्रवासी श्रमिकों को कुशल श्रेणी में बांटा गया है. कौशल विकास मिशन इन श्रमिकों का स्किल मैपिंग कर उनकी क्षमता का आंकलन करेगा और उनके योग्यता के हिसाब से काम उपलब्ध कराएगा. कुशल महिलाओं को ब्यूटी पार्लर ट्रेनिंग, कढ़ाई-बुनाई ट्रेड से प्रशिक्षित कर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
वहीं अकुशल श्रमिकों को मनरेगा योजना में काम उपलब्ध कराया जाएगा. इस बारे में जब सीडीओ शशांक त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना था कि जिले में लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर आए हुए हैं. सभी प्रवासी मजदूरों को शासन की मंशा के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है और 18 विभागों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन सभी विभागों में कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि कुशल और अकुशल श्रमिकों को जिले में रोजगार मिल सके.