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गोंडा: एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए तैयारी

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Published : Jun 15, 2020, 1:58 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोंडा में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. इस के तहत जिले में जिला रोजगार समिति का गठन किया है और सभी विभागों को 2 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

cdo shashank tripathi did meeting
शशांक त्रिपाठी ने किया बैठक

गोंडा: जिले मे आए एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला रोजगार समिति का गठन किया गया है. स्किल मैपिंग के बाद योग्यता अनुसार मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा.

जानकारी देते सीडीओ शशांक त्रिपाठी
कोविड-19 की महामारी में दूसरे राज्यों से घर वापसी कर रहे श्रमिकों को सरकार ने उनके घर पर रोजगार उपलब्ध कराने की भरोसा दिया है. सरकार के इस वादे को पूरा करने के लिए गोंडा जिले में तैयारी शुरू कर दी गई है. शासन के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिला रोजगार समिति का गठन किया है और सभी विभागों को 2 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने विकास भवन सभागार में विभागीय अफसरों के साथ बैठक की और उन्हें रोजगार सृजन की जिम्मेदारी सौंपी है. प्रवासी श्रमिकों को कुशल श्रेणी में बांटा गया है. कौशल विकास मिशन इन श्रमिकों का स्किल मैपिंग कर उनकी क्षमता का आंकलन करेगा और उनके योग्यता के हिसाब से काम उपलब्ध कराएगा. कुशल महिलाओं को ब्यूटी पार्लर ट्रेनिंग, कढ़ाई-बुनाई ट्रेड से प्रशिक्षित कर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

वहीं अकुशल श्रमिकों को मनरेगा योजना में काम उपलब्ध कराया जाएगा. इस बारे में जब सीडीओ शशांक त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना था कि जिले में लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर आए हुए हैं. सभी प्रवासी मजदूरों को शासन की मंशा के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है और 18 विभागों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन सभी विभागों में कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि कुशल और अकुशल श्रमिकों को जिले में रोजगार मिल सके.

गोंडा: जिले मे आए एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला रोजगार समिति का गठन किया गया है. स्किल मैपिंग के बाद योग्यता अनुसार मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा.

जानकारी देते सीडीओ शशांक त्रिपाठी
कोविड-19 की महामारी में दूसरे राज्यों से घर वापसी कर रहे श्रमिकों को सरकार ने उनके घर पर रोजगार उपलब्ध कराने की भरोसा दिया है. सरकार के इस वादे को पूरा करने के लिए गोंडा जिले में तैयारी शुरू कर दी गई है. शासन के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिला रोजगार समिति का गठन किया है और सभी विभागों को 2 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने विकास भवन सभागार में विभागीय अफसरों के साथ बैठक की और उन्हें रोजगार सृजन की जिम्मेदारी सौंपी है. प्रवासी श्रमिकों को कुशल श्रेणी में बांटा गया है. कौशल विकास मिशन इन श्रमिकों का स्किल मैपिंग कर उनकी क्षमता का आंकलन करेगा और उनके योग्यता के हिसाब से काम उपलब्ध कराएगा. कुशल महिलाओं को ब्यूटी पार्लर ट्रेनिंग, कढ़ाई-बुनाई ट्रेड से प्रशिक्षित कर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

वहीं अकुशल श्रमिकों को मनरेगा योजना में काम उपलब्ध कराया जाएगा. इस बारे में जब सीडीओ शशांक त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना था कि जिले में लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर आए हुए हैं. सभी प्रवासी मजदूरों को शासन की मंशा के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है और 18 विभागों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन सभी विभागों में कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि कुशल और अकुशल श्रमिकों को जिले में रोजगार मिल सके.

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