गोंडा : कहने को तो सरकारें महिलाओं को बेहतर इलाज व सुविधाएं देने की बात करती हैं. लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. कुछ ऐसा ही गोंडा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपिया में देखने को मिला है. यहां सरकारी डॉक्टरों की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. महिलाओं को नसबंदी के बाद जमीन पर लिटा दिया गया. वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी जांच की बात कर रहे हैं.
छपिया ब्लॉक मुख्यालय पर स्थित सरकारी अस्पताल में नसबंदी के लिए लाई गईं 7 महिलाओं को ऑपरेशन के बाद जमीन पर ही लिटा दिया. जहां एक ओर परिवार नियोजन पर सरकार करोड़ों अरबों रुपए खर्च कर रही है, वहीं मातहतों ने लापरवाही भरा रवैया अपनाते हुए और महिलाओं को जमीन पर लिटा कर नसबंदी कराई जा रही है. लापरवाही का आलम यह रहा कि नसबंदी के बाद महिलाओं को उसी हालत में जमीन पर लिटा दिया गया. उनके तीमारदारों के कहने के बावजूद भी उनको बेड मुहैया नहीं कराया गया.
आपको बता दें की महिलाओं की नसबंदी के लिए बाकायदा पंजीकरण कराया जाता है. उनको निश्चित तिथि देकर अस्पताल बुलाया जाता है. उसके बाद यह सुनिश्चित कराया जाता है कि नसबंदी और इलाज की समुचित व्यवस्था हो. लेकिन इसको ताक पर रखकर महिलाओं को जमीन पर लिटाकर सरकार की मंशा पर पानी फेर दिया गया. सीएचसी अधीक्षक आलोक सिंह से जब इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया और कहा कि जब अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है तो लोगों को कहां ले जाया जाए. ऐसे में महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा धरा का धरा रह गया और नसबंदी के बाद महिलाएं जमीन पर घंटों तक पड़ी रहीं.
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डीएम ने जांच का दिया आदेश
पूरे मामले पर जिला अधिकारी मार्कण्डेय शाही का कहना है कि इस पूरे घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग को जांच सौंपी गई है. जांच के बाद सम्बंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.