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गोण्डा: बाढ़ की आहट से प्रशासन चौकन्ना, अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

गोण्डा जिले में बाढ़ की आहट को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अधिकारियों को वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षण दिया. किसी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए जिले में एनडीआरएफ की एक टीम तैनात है.

बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण.
बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण.
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Published : Jul 17, 2021, 11:02 PM IST

गोण्डा: बारिश के दौरान नदियों में संभावित बढ़ने वाले जलस्तर को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी की जा रही हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ चौकियां, राहत शिविर, शरणालय आदि के इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी बीच जिले में शनिवार को वर्चुअल बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) एवं उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UP Disaster Management Authority) ने विस्तृत रूप से बाढ़ प्रबंधन के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी.

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा उत्तर प्रदेश नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति 2020 (Sailor Welfare Policy 2020), बाढ़ पूर्व चेतावनी की व्यवस्था, समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण परियोजना, आपदा प्रहरी ऐप, मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम, प्रदेश में बाढ़ शरणालयों एवं शरणार्थियों की स्थिति के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया. एनडीआरएफ ने बाढ़ से बचाव के पूर्व की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों को अवगत कराया. एनडीआरएफ की एक टीम जिले में वर्तमान में तैनात है.

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मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में वर्चुअल ऑनलाइन टेबल टॉप एक्सरसाइज में संबंधित अधिकारियों ने बाढ़ प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण दिया. बाढ़ के दौरान जान-माल एवं पशुहानि को न्यूनतम किए जाने के संबंध में विस्तृत कार्य योजना की जानकारी दी गई. मुख्य विकास अधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन तंत्र मजबूत करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर संवेदनशील, अतिसंवेदनशील स्थान चयनित किए जाएं और राहत शिविर, उपकरण, मानव संसाधन, कंट्रोल रूम, हेलीपैड, पुल, जर्जर व जीर्णशीर्ण भवनों का जायजा भी लिया जाए. उन्होंने किसी भी स्तर पर आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण में हीलाहवाली दिखाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी.

गोण्डा: बारिश के दौरान नदियों में संभावित बढ़ने वाले जलस्तर को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी की जा रही हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ चौकियां, राहत शिविर, शरणालय आदि के इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी बीच जिले में शनिवार को वर्चुअल बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) एवं उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UP Disaster Management Authority) ने विस्तृत रूप से बाढ़ प्रबंधन के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी.

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा उत्तर प्रदेश नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति 2020 (Sailor Welfare Policy 2020), बाढ़ पूर्व चेतावनी की व्यवस्था, समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण परियोजना, आपदा प्रहरी ऐप, मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम, प्रदेश में बाढ़ शरणालयों एवं शरणार्थियों की स्थिति के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया. एनडीआरएफ ने बाढ़ से बचाव के पूर्व की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों को अवगत कराया. एनडीआरएफ की एक टीम जिले में वर्तमान में तैनात है.

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मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में वर्चुअल ऑनलाइन टेबल टॉप एक्सरसाइज में संबंधित अधिकारियों ने बाढ़ प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण दिया. बाढ़ के दौरान जान-माल एवं पशुहानि को न्यूनतम किए जाने के संबंध में विस्तृत कार्य योजना की जानकारी दी गई. मुख्य विकास अधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन तंत्र मजबूत करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर संवेदनशील, अतिसंवेदनशील स्थान चयनित किए जाएं और राहत शिविर, उपकरण, मानव संसाधन, कंट्रोल रूम, हेलीपैड, पुल, जर्जर व जीर्णशीर्ण भवनों का जायजा भी लिया जाए. उन्होंने किसी भी स्तर पर आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण में हीलाहवाली दिखाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी.

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