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जनता के राशन पर डाका डालने वाले माफिया DM के निशाने पर

खाद्यान्न को लेकर हो रही कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रशासन लगातार मुहिम चला रहा है. कालाबाजारी करने वाले माफिया डीएम के निशाने पर हैं. खाद्यान्न कालाबाजारी को लेकर रासुका, गैंगस्टर व गुण्डा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी. इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया गया है.

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Published : Jul 22, 2021, 5:27 AM IST

पकड़े जाने पर लगेगा रासुका, गैंगस्टर और गुण्डा एक्ट
पकड़े जाने पर लगेगा रासुका, गैंगस्टर और गुण्डा एक्ट

गोण्डा: यूपी के गोण्डा जिले में खाद्यान्न की कालाबाजारी में संलिप्त लोग अब डीएम मार्कण्डेय शाही के निशाने पर आ गए हैं. डीएम ने ऐसे लोगों को सबक सिखाने का मन बना लिया है. ऐसे लोगों के खिलाफ गैंगस्टर, गुण्डा एक्ट व रासुका के तहत कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. इस बाबत डीएम ने खाद्यान्न की कालाबाजारी में परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई हेतु जांच समिति गठित करते हुए रिपोर्ट मांगी है.

सरकारी खाद्यान्न की चोरी व कालाबाजारी का वीडियो वायरल

बताते चलें कि ट्रांसपोर्टर्स की मिलीभगत से जनपद में सरकारी खाद्यान्न की चोरी व कालाबाजारी किये जाने से सम्बन्धित विभिन्न मीडिया माध्यमों में प्रसारित खबरों से मामले का खुलासा हुआ कि ट्रांसपोर्टर व माफिया मिलकर हर माह करीब 800 बोरा अनाज की कालाबाजारी कर रहे हैं. यह भी तथ्य संज्ञान में आया कि झंझरी ब्लाक के दर्जी कुआं के पास संगम ट्रांसपोर्ट की दो ट्रकों से आठ बोरा अनाज की चोरी कर बीच में ही बेच दिया गया.
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रश्नगत प्रकरण प्रथम दृष्टया अत्यंत गंभीर प्रकृति का है और खाद्यान्न की कालाबाजारी किए जाने के मामले की गहनता के साथ छानबीन कराते हुए खाद्यान्न की चोरी में संलिप्त ट्रांसपोर्टर्स व अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही किया जाना आवश्यक है.

जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन

जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के लिए नगर मजिस्ट्रेट/प्रभारी अधिकारी(नागरिक आपूर्ति), जिला पूर्ति अधिकारी एवं जिला खाद्य विपणन अधिकारी की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर आदेश दिए हैं कि प्रकरण की गहनता के साथ जांच कर लें तथा तथ्यों की पुष्टि होने पर खाद्यान्न की चोरी/कालाबाजारी में संलिप्त ट्रांसपोर्टर्स व प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से इस कृत्य से जुड़े अन्य व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा-3/7 व भारतीय दंड संहिता के सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कराकर कार्यवाही करें. इसके साथ ही साथ कालाबाजारी के कृत्य में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट व रासुका के तहत कार्यवाही के सम्बन्ध में भी आख्या प्रस्तुत करें जिससे ऐसे लोगों को शीघ्र ही जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके.



जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जनता के राशन पर डाका डालने की कुचेष्टा करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे और उनकी जगह सिर्फ जेल होगी. उन्होंने कहा कि खाद्यान्न वितरण व विपणन दोनों में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी करने वाले लोग कतई बख्शे नहीं जाएंगे. उन्होंने जांच अधिकारियों को मामले की संवेदनशीलता के दृष्टिगत निर्देशत किया है कि वे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट दें. जिलाधिकारी ने यह भी कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कालाबाजारी में संलिप्त ट्रान्सपोर्टर का ट्रक जब्त करने की भी कार्यवाही की जाएगी.

गोण्डा: यूपी के गोण्डा जिले में खाद्यान्न की कालाबाजारी में संलिप्त लोग अब डीएम मार्कण्डेय शाही के निशाने पर आ गए हैं. डीएम ने ऐसे लोगों को सबक सिखाने का मन बना लिया है. ऐसे लोगों के खिलाफ गैंगस्टर, गुण्डा एक्ट व रासुका के तहत कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. इस बाबत डीएम ने खाद्यान्न की कालाबाजारी में परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई हेतु जांच समिति गठित करते हुए रिपोर्ट मांगी है.

सरकारी खाद्यान्न की चोरी व कालाबाजारी का वीडियो वायरल

बताते चलें कि ट्रांसपोर्टर्स की मिलीभगत से जनपद में सरकारी खाद्यान्न की चोरी व कालाबाजारी किये जाने से सम्बन्धित विभिन्न मीडिया माध्यमों में प्रसारित खबरों से मामले का खुलासा हुआ कि ट्रांसपोर्टर व माफिया मिलकर हर माह करीब 800 बोरा अनाज की कालाबाजारी कर रहे हैं. यह भी तथ्य संज्ञान में आया कि झंझरी ब्लाक के दर्जी कुआं के पास संगम ट्रांसपोर्ट की दो ट्रकों से आठ बोरा अनाज की चोरी कर बीच में ही बेच दिया गया.
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रश्नगत प्रकरण प्रथम दृष्टया अत्यंत गंभीर प्रकृति का है और खाद्यान्न की कालाबाजारी किए जाने के मामले की गहनता के साथ छानबीन कराते हुए खाद्यान्न की चोरी में संलिप्त ट्रांसपोर्टर्स व अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही किया जाना आवश्यक है.

जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन

जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के लिए नगर मजिस्ट्रेट/प्रभारी अधिकारी(नागरिक आपूर्ति), जिला पूर्ति अधिकारी एवं जिला खाद्य विपणन अधिकारी की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर आदेश दिए हैं कि प्रकरण की गहनता के साथ जांच कर लें तथा तथ्यों की पुष्टि होने पर खाद्यान्न की चोरी/कालाबाजारी में संलिप्त ट्रांसपोर्टर्स व प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से इस कृत्य से जुड़े अन्य व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा-3/7 व भारतीय दंड संहिता के सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कराकर कार्यवाही करें. इसके साथ ही साथ कालाबाजारी के कृत्य में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट व रासुका के तहत कार्यवाही के सम्बन्ध में भी आख्या प्रस्तुत करें जिससे ऐसे लोगों को शीघ्र ही जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके.



जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जनता के राशन पर डाका डालने की कुचेष्टा करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे और उनकी जगह सिर्फ जेल होगी. उन्होंने कहा कि खाद्यान्न वितरण व विपणन दोनों में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी करने वाले लोग कतई बख्शे नहीं जाएंगे. उन्होंने जांच अधिकारियों को मामले की संवेदनशीलता के दृष्टिगत निर्देशत किया है कि वे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट दें. जिलाधिकारी ने यह भी कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कालाबाजारी में संलिप्त ट्रान्सपोर्टर का ट्रक जब्त करने की भी कार्यवाही की जाएगी.

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