गाजीपुर : प्रदेश में इन दिनों कोविड-19 महामारी से जहां लोग परेशान हैं, वहीं यास तूफान ने भी जमकर कहर बरपाया है. इसका असर पूर्वांचल के कई जनपदों में भी देखने को मिला है. पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इस तूफान और बारिश को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार ने सभी को पूर्व से ही अल्टीमेटम दे दिया था.
लेकिन प्रदेश सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों ने इस अल्टीमेटम को कितनी गंभीरता से लिया, इसकी बानगी गेहूं क्रय केंद्र लखनचनपुर में देखने को मिली है. यहां तिरपाल के अभाव में किसानों से खरीदा हुआ गेहूं जिसे उठाकर सुरक्षित गोदाम तक पहुंचा दिया जाना चाहिए था, खुले में छोड़ दिया गया. इसके चलते बारिश में सैकड़ों बोरी गेहूं भीग गया. यहां तक कि अब उस भीगी हुई बोरी से गेहूं अंकुरित भी होना शुरू हो गया है. जल्द ही यह गेहूं सड़ना भी शुरू हो जाएगा.
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गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी कई दिनों से लापता
वहीं, जब इस मामले में क्रय केंद्र प्रभारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो पता चला कि वह पिछले कई दिनों से लापता हैं. अपनी जगह एक अन्य कर्मचारी को बैठाकर पूरे क्रय केंद्र का संचालन करवा रहे हैं. यह बात खुद उस कर्मचारी ने स्वीकार की कि प्रभारी महोदय के पास बहुत सारे काम हैं. इसके चलते वह यहां नहीं आ रहे हैं. ऐसे में जब यह पूछा गया कि अब इस गेहूं का क्या होगा तो उसने कहा कि इसकी कुछ न कुछ व्यवस्था की जाएगी.
जिलाधिकारी ने कहा, 'जांच कर करेंगे कार्रवाई'
इस मामले में जब जिलाधिकारी मंगल प्रसाद सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामला बहुत गंभीर है. मामले की जानकारी होते ही जिलाधिकारी ने तत्काल कर्मचारियों को फोनकर जांच करने व तत्काल रिपोर्ट देने को कहा. साथ ही जिलाधिकारी ने ये भी कहा कि यदि जांच में सही पाया गया तो क्रय केंद्र पर तैनात कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.