गाजीपुर : आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर गाजीपुर जिले में भी सियासी समीकरणों को लेकर चर्चा का माहौल गरम है. लोग चौक चौराहे पर सरकार के काम काज और विभिन्न पार्टियों को लेकर अपने विचार रख रहे हैं. इस दौरान कुछ लोग बदलाव की बात करते हैं तो कुछ वर्तमान सरकार के कामकाज से खुश दिखाई देते हैं.
इसे लेकर ETV Bharat ने मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के लोगों का मूड जानना चाहा, उनसे बात की. इस दौरान यह भी जानने का प्रयास किया कि क्षेत्र में वर्तमान सरकार व विधायक द्वारा कितना विकास करवाया गया और लोग कितने संतुष्ट हैं. मोहम्मदाबाद तिवारीपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने स्थित चाय की दुकान पर जमे लोगों ने एक-एक कर अपनी बात रखी.
इस दौरान काफी लोगों ने वर्तमान सरकार से नाराजगी व्यक्त की. लोगों ने मुख्य रूप से महंगाई, गड्ढायुक्त सड़कों आदि को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की. वहीं कुछ लोगों ने भाजपा के कामकाज को अच्छा भी बताया. कहा कि भाजपा सरकार ने जनता के लिए बहुत कुछ किया है. अन्य सरकारों ने अब तक इतना नहीं किया.
बता दें कि पूरे पूर्वांचल में गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट काफी चर्चित रही है. यहां से अंसारी बंधुओं का वर्षों से वर्चस्व रहा है. उनका वर्चस्व तोड़ने के लिए भाजपा के पूर्व विधायक स्वर्गीय कृष्णानंद राय चुनावी जंग में कूदे और विधायक भी बने. इसके बाद अंसारी बंधुओं का वर्चस्व का टूटना शुरू हुआ.
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इसे लेकर अंसारी बंधु व कृष्णानंद राय में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई. इसी बीच 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय सहित 6 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई. विधायक कृष्णानंद राय के हत्या व साजिश करने का आरोप अंसारी बंधुओं पर ही लगा. हालांकि लंबी सुनवाई के बाद सीबीआई कोर्ट ने अंसारी बंधुओं को निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया. इसके बाद से मोहम्मदाबाद और चर्चित हो गया. अब वहां से वर्तमान में स्वर्गीय कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय विधायक हैं.
बता दें कि सिबगतुल्लाह अंसारी भी पिछले दिनों सपा में शामिल हो गए. इससे इस सीट पर सियासी समीकरण बदलता हुआ दिखायी दे रहा है. अंसारी परिवार के लिए मुहम्मदाबाद सीट घर की सीट है जो इस परिवार के लिए पूर्वांचल के किसी अन्य सीट पर जीतने से ज्यादा मायने रखती है.
अंसारी परिवार की मुहम्मदाबाद क्षेत्र की छोटी बिरादरियों में मजबूत पैठ है. जानकारों का कहना है कि अंसारी परिवार का छोटी जातियों के 25 से 30 फीसदी वोटों पर प्रभाव है. ऐसे ही करीब 30 हजार मुसलिम, पांच हजार यादव और करीब दस हजार भूमिहार वोट भी इनके व्यक्तिगत संबंधों से जुड़े हैं. सपा में आने से पार्टी के परंपरागत 40 हजार यादव वोट भी सिबागतुल्लाह को मिल सकते हैं. सपा में आने से सिबगतुल्लाह की स्थिति मजबूत मानी जा रही है.