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गाजीपुर: बाढ़ से शुरू हुआ पलायन, टूट सकता है 1978 का रिकॉर्ड

यूपी के गाजीपुर की मंगाई नदी उफान पर है.जिससे यहां के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं. गांव के लोग प्रशासन के लचर रवैये की वजह पलायन को मजबूर हो रहे हैं.

बाढ़ से शुरू हुआ पलायन.
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Published : Aug 2, 2019, 8:08 AM IST

गाजीपुर: जिले की मंगाई नदी भावर कोल के गांवों में अपना कहर बरपा रही है. हालत यह है कि मरीजों, गर्भवती महिलाओं को लेकर अस्पताल तक समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं. इन इलाकों में राहत सामग्री भी पूर्ण रुप से नहीं मिल पा रही है. जिससे ग्रामीण पलायन को मजबूर हो गये हैं.

बाढ़ से शुरू हुआ पलायन.

गाजीपुर के भावरकोल ब्लॉक का सियाडी, हाटा, करिमुद्दीनपुर, लठ्ठू डीह, महेन और कनुवान गांव बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है. लेकिन गांव के लोगों को मदद के नाम पर जिला प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिल रहा है. बाढ़ प्रभावित लोग अपने घरों को छोड़कर जाने को मजबूर हो रहे हैं. तो गांव के कुछ लोग जिनका मकान ऊंचाई पर बना है, वे अपनी जान जोखिम में डालकर नाव से सफर कर रहे हैं.

इन इलाकों में राहत सामग्री सीमित मात्रा में पहुंच पा रही है. गांवों में कहीं सड़कों पर पानी भरा है, तो कहीं सड़कें पानी के बहाव से बह गई हैं. बीते कई सालों के आंकड़ों के मुताबिक गाजीपुर में बाढ़ इस बार 1978 का रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार नजर आ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि समय से पहले नदियों का ऐसा रूद्र रूप 1978 की बाढ़ में ही दिखा था.


बाढ़ को लेकर जनपद में सख्त निर्देश जारी किया गया है. जिन इलाकों में नाव चल रही हैं उन इलाकों में नाव की सवारी करने वाले लोगों की संख्या मानक अनुरूप हो. एसडीएम और थानाध्यक्षों को इस बारे में निर्देशित किया गया है. वहीं जलस्तर बढ़ने से प्रभावित इलाकों को पर्याप्त मदद दी जा रही है.
के बालाजी-जिलाधिकारी

गाजीपुर: जिले की मंगाई नदी भावर कोल के गांवों में अपना कहर बरपा रही है. हालत यह है कि मरीजों, गर्भवती महिलाओं को लेकर अस्पताल तक समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं. इन इलाकों में राहत सामग्री भी पूर्ण रुप से नहीं मिल पा रही है. जिससे ग्रामीण पलायन को मजबूर हो गये हैं.

बाढ़ से शुरू हुआ पलायन.

गाजीपुर के भावरकोल ब्लॉक का सियाडी, हाटा, करिमुद्दीनपुर, लठ्ठू डीह, महेन और कनुवान गांव बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है. लेकिन गांव के लोगों को मदद के नाम पर जिला प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिल रहा है. बाढ़ प्रभावित लोग अपने घरों को छोड़कर जाने को मजबूर हो रहे हैं. तो गांव के कुछ लोग जिनका मकान ऊंचाई पर बना है, वे अपनी जान जोखिम में डालकर नाव से सफर कर रहे हैं.

इन इलाकों में राहत सामग्री सीमित मात्रा में पहुंच पा रही है. गांवों में कहीं सड़कों पर पानी भरा है, तो कहीं सड़कें पानी के बहाव से बह गई हैं. बीते कई सालों के आंकड़ों के मुताबिक गाजीपुर में बाढ़ इस बार 1978 का रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार नजर आ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि समय से पहले नदियों का ऐसा रूद्र रूप 1978 की बाढ़ में ही दिखा था.


बाढ़ को लेकर जनपद में सख्त निर्देश जारी किया गया है. जिन इलाकों में नाव चल रही हैं उन इलाकों में नाव की सवारी करने वाले लोगों की संख्या मानक अनुरूप हो. एसडीएम और थानाध्यक्षों को इस बारे में निर्देशित किया गया है. वहीं जलस्तर बढ़ने से प्रभावित इलाकों को पर्याप्त मदद दी जा रही है.
के बालाजी-जिलाधिकारी

Intro:
गाजीपुर में बाढ से शुरू हुआ पलायन, टूट सकता है 1978 की बाढ़ का रिकॉर्ड

गाजीपुर। खबर गाजीपुर से है जहां नदियां अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं गाजीपुर की मंगाई नदी भावर कोल की गांवों में अपना कहर बरपा रही है। जिससे अब पलायन शुरू हो गया है। गाजीपुर के भावरकोल ब्लॉक का सियाडी, हाटा, करिमुद्दीनपुर, लठ्ठू डीह, महेन, कनुवान गाँव बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित। लेकिन गांव के लोगों को मदद के नाम पर जिला प्रशासन का केवल आश्वासन मिल रहा है।



Body:ऐसे में बाढ़ प्रभावित लोग अपने घरों को छोड़कर जाने को मजबूर हैं। वही गांव के कुछ लोग जिनका मकान ऊंचाई पर है वह अपनी जान जोखिम में डालकर नाव के सफर को मजबूर हैं। बच्चों गर्भवती महिलाओं और मरीजों को लेकर पीडित अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे। वहीं इन इलाकों में राहत सामग्री भी सीमित ही पहुंच पा रही है। ऐसे में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं। वहीं जिला प्रशासन पर्याप्त मदद का दावा कर रहा है।

दर्जनभर से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कई गांवों मे और सड़कों पर भी पानी भरा है। वहीं कई सड़कें पानी के बहाव के चलते बह गई हैं। बीते कई सालों के आंकड़ों के मुताबिक गाजीपुर में बाढ़ 1978 का रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार नजर आ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि समय से पहले नदियों का ऐसा रूद्र रूप 1978 की बाढ़ के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा। 

Conclusion:वहीं जिलाधिकारी के बालाजी ने कहा की बाढ़ को लेकर जनपद में सख्त निर्देश जारी किया गया है। जिन्हें इलाकों में नाव चल रही हैं उन इलाकों में नाव की सवारी करने वाले लोगों की संख्या मानक अनुरूप रहे। एसडीएम और थानाध्यक्ष को इस बारे में निर्देशित किया गया है। वहीं जलस्तर बढ़ने से प्रभावित पर्याप्त मदद दी जा रही है।

बाइट - के बालाजी ( जिलाधिकारी ) ग्रामीण - अमरजीत सिंह यादव , विजुअल

उज्जवल कुमार राय, 7905590960

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