गाजीपुर: माफिया मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों पर गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में 23 साल पुराने मनोज राय हत्याकांड में पुलिस की चार्जशीट के बाद आरोप तय होने हैं. इसमें बुधवार को बहस होनी थी. लेकिन, मुख्तार अंसारी के साथ सह आरोपी सरफराज मुन्नी की तरफ से स्थगन की एक याचिका जज के समक्ष प्रस्तुत की गई. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख दी है.
उन्होंने जज से गुहार लगाई है कि इस वारदात में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है. जबकि, पुलिस की चार्जशीट में मृतक मनोज राय के पिता ने मुख्तार अंसारी के साथ सरफराज मुन्नी, अफरोज, जफर चंदा के साथ दस लोगों को नामजद किया गया था. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, जबकि दो अभियुक्त पहले से ही सरकारी अभिलेखों में भगोड़े घोषित किए जा चुके हैं.
मनोज राय हत्याकांड में आज मुख्तार सहित सभी आरोपियों पर आरोप तय होने थे. लेकिन, अदालती दांव पेंच के चलते सरफराज मुन्नी के स्थगन याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई कर अगली तारीख 20 नवंबर दी है. सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि जुलाई 2001 में उसरी चट्टी कांड हुआ था. इसमें मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और उनके सहयोगियों के ऊपर मोहम्दाबाद कोतवाली में एफआईआर कराई थी.
इसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर, एक सहयोगी और एक अज्ञात शख्स की मौत हुई थी. तीसरा अज्ञात शख्स हमलावर बताया गया था, जिसकी शिनाख्त मनोज राय निवासी बक्सर बिहार के रूप में हुई थी. बाद में मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय ने भी घर से मनोज राय को मुख्तार अंसारी द्वारा इस घटना से एक दिन पहले बुलाकर मार देने का आरोप लगाया था. एमपी एमएलए कोर्ट में यह मुकदमा चल रहा है. 20 नवंबर को जज मामले को सुनकर आरोप तय करेंगे.
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