गाजीपुर: जहां देश कोरोना की मार से पहले ही परेशान है तो वहीं आतंकवादी भी अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. बीते दिनों दो अलग-अलग आतंकी हमलों में कुल आठ जवान शहीद हो गए. इन शहीदों में गाजीपुर के लाल अश्विनी कुमार यादव भी शामिल हैं. वह कुपवाड़ा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. बुधवार को उनका उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नोनहरा के चक दाऊद लाया गया. शहीद के घर के बाहर तमाम लोग अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए इकट्ठा हुए. इस दौरान स्थानीय प्रशासन के लॉकडाउन का अनुपालन कराने के तमाम दावे फिसड्डी साबित हुए.
शहीद की अंतिम विदाई में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
हजारों की संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन और सैकड़ों की संख्या में गाजीपुर घाट पर शहीद को अंतिम विदाई देने भी पहुंचे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की एडवाइजरी का भी बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया. लोग सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी रही. एक तरफ तो जिला प्रशासन लगातार यह कहता रहा है कि जिले में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है तो वहीं प्रशासन के इस दावे की सच्चाई शहीद के घर और गाजीपुर घाट पर साफ दिखी. शहीद की अंतिम विदाई में लॉकडाउन का अनुपालन न करा पाना जिला प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल भी खड़े करता है.
24 घंटे से ज्यादा समय मिला तैयारियों के लिए
बता दें कि शहीद का पार्थिव शरीर मंगलवार की दोपहर ही गाजीपुर पहुंचने वाला था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार को गाजीपुर में शहीद के पैतृक गांव लाया गया. जिला प्रशासन को कल और आज के बीच तकरीबन 24 घंटे से ज्यादा का समय मिला, लेकिन तैयारियों का हाल कार्यक्रम स्थल के वीडियो और फोटो बयान कर रहे हैं.