गाजीपुर: जिले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. भले ही सरकार माटी कला से जुड़े कामगारों की बेहतरी के लिए प्रयास कर रही हो, लेकिन कोरोना काल और अनलॉक होने पर भी माटी कला से जुड़े कामगारों को सरकार ने कोई आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराई. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाया था. इस खबर को संज्ञान में लेते हुए सरकार के ग्रामोद्योग विभाग के द्वारा कुम्हारों की लिस्टिंग कराई जा रही है. इसमें आर्थिक सहायता के लिए 95 कुम्हारों की लिस्ट शासन को भेज दी गई है. इन कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक भी उपलब्ध कराया जाएगा.
ईटीवी भारत ने खबर दिखाई थी कि गाजीपुर में तमाम सरकारी दावे कुम्हारों के काम नहीं आए हैं. मिट्टी को सुंदर आकार देने वाले कुम्हारों के हाथ अपनी परम्परा और आजीविका के लिए पारंपरिक चाक चला रहे हैं. कोरोना काल में सरकार ने मजदूरों के खाते में 1,000 की आर्थिक सहायता भेजी, लेकिन इन कुम्हारों को वह भी नसीब नहीं हुआ.
सरकार ने सभी कामगारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक उपलब्ध कराने का वादा किया था. गत वर्ष गाजीपुर में 22 इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए गए, लेकिन तमाम सरकारी दावे महज कागजों पर ही इलेक्ट्रॉनिक चाक उपलब्ध कराते नजर आ रहे हैं. इस खबर के संज्ञान में आने के बाद अब सरकार ने कुम्हारों की सूची मंगाई है. ऐसे में कुम्हार और प्रजापति समाज के लोगों को उम्मीदें हैं कि उन्हें जल्द सरकार से मदद मिलेगी.
मिट्टी की मूर्तियां बनाने वाली ममता ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार की तरफ से उन्हें मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि लगभग एक सौ लोगों का नाम सरकार को भेजा गया है. इसके लिए उन्होंने ईटीवी भारत को धन्यवाद भी कहा है. माटी कला से जुड़े कारीगर मनोज ने भी ईटीवी भारत का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली कि सरकार लॉकडाउन के बाद हमारी आर्थिक सहायता करेगी.
ग्रामोद्योग विभाग के द्वारा पहली लिस्ट में 95 कुम्हारों के नाम शासन को भेजे गए हैं. वहीं दूसरी लिस्ट में 25 और लोगों के नाम भेजे गए हैं. उनको भी भरोसा है कि उनका नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो जायेगा. इस मामले में जिला ग्रामोद्योग अधिकारी वीके सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा कोरोना के मद्देनजर तकरीबन 95 लाभार्थियों की जानकारी शासन को प्रेषित की गई है. इसमें उनके खाते से जुड़ी जानकारी सरकार को उपलब्ध कराई गई है.