गाजीपुरः जिले का गहमर गांव किसी के परिचय का मोहताज नहीं है. बल्कि गहमर खुद गाजीपुर जिले की पहचान है. इसकी वजह ये है कि ये गांव फौजियों का है. इस गांव के ज्यादातर लोग आर्मी में ही जाते हैं. वहीं गहमर गांव एशिया के सबसे बड़े गांव में भी स्थान रखता है. अब यहां के पूर्व फौजियों ने रेलवे के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है.
गहमर रेलवे स्टेशन पर फरक्का एक्सप्रेस, पंजाब मेल, विभूति, कामाख्या भगत की कोठी और मगध एक्सप्रेस के दोबारा ठहराव की मांग की जा रही है. इसी को लेकर भूतपूर्व सैनिक संगठन कार्यालय में रविवार को भूतपूर्व सैनिकों और रेल ठहराव समिति के सदस्यों की बैठक सम्पन्न हुई. जिसमें सर्व सहमति से फैसला लिया गया कि रेलवे के खिलाफ 18 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा. जिसकी अध्यक्षता भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष मारकंडे सिंह करेंगे. उन्होंने कहा कि अब हम लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है. जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन-प्रशासन तक हम सैनिक कहते-कहते थक गए. अब केवल आंदोलन ही रास्ता बचा है.
इसलिए अब हम पूर्व सैनिक गांव और रेल संघर्ष समिति के साथ मिलकर 18 जुलाई से 2021 से रेलवे के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना देंगे. वहीं रेलवे पुनः ठहराव समिति के संयोजक गहमर इंटर कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता हृदय नारायण सिंह ने कहा कि हमारा पूरा गांव रेलवे के पक्षपातपूर्ण रवैये से आहत हो चुकी है. 6 महीने से हम पत्राचार और सम्पर्क कर चुके हैं. बूढ़े-बीमार व्यवसायी अब त्रस्त हो चुके हैं. हम दानापुर डीआरएम से लेकर दिल्ली तक मिल चुके हैं.
अब 18 जुलाई से हम रेलवे के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं. ये धरना तब तक चलेगा जब रेलवे हमारी मांग पूरी तरह नहीं मान लेता. इसके लिए हम जनसंपर्क कर लोगों का आह्वान करने जा रहे हैं. इसके लिए हम सारे अधिकारियों को भी सूचित कर चुके हैं.
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बैठक में गहमर इंटर कॉलेज के पूर्व प्रबंधक हरे राम सिंह, आप प्रभारी ओम प्रकाश सिंह, पूर्व सैनिक महेन्द्र उपाध्याय, आन्नद सिंह, पूर्व सैनिक अनिल सिंह समेत कई लोग मौजूद थे. बैठक का संचालन रेल संघर्ष समिति के संचालक सुधीर सिंह ने किया.