गाजीपुर : गैंगस्टर मामले में शनिवार को एमपी एमएलए कोर्ट ने धारा 313 के अंतर्गत मुख्तार अंसारी का बयान अंकित किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर हुए मुख्तार ने कहा कि इस मुकदमे से उसका कोई सरोकार नहीं है. वह साल 2005 से गाजीपुर की जेल में बंद हैं.
अगली सुनवाई 11 अक्टूबर : मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने बताया कि गैंगस्टर के मामले में बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. मुख्तार ने कहा कि इस मुकदमे से उनका कोई सरोकार नहीं है. वह साल 2005 से गाजीपुर की जेल में बंद है. लियाकत अली ने बताया कि 2009 में करंडा थाने में कपिल देव सिंह हत्याकांड और मोहम्मदाबाद में मीर हसन की हत्या के प्रयास का मामला 2010 में दायर हुआ था. गैंगस्टर के इस मामले में अब अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होनी है. इसके बाद फैसले की तारीख नियत कर दी जाएगी.
करंडा थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज हुआ था मुकदमा : बता दें कि दोनों मामलों में मुख्तार अंसारी को आरोपी बनाते हुए गैंगचार्ट बनाया गया और करंडा थाने में उस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. उस समय मुख्तार गाजीपुर जेल में बंद था और इन दोनों मामलों में मूल केस में बरी भी हो चुका है. इसी बात का हवाला उसने आज कोर्ट को दिया. सीआरपीसी की धारा 313 के तहत मुल्जिम को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है. अब 11 अक्टूबर को इस मामले में बहस होगी.
बहस के बाद नियत होगी फैसले की तारीख : बहस के बाद फैसले की तारीख भी नियत की जा सकती है. हालांकि इस मामले में पहले बहस पूरी हो चुकी थी और फैसले की तारीख भी नियत हो चुकी थी, पर एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने सीआरपीसी की धारा 311 के तहत एक प्रार्थना पत्र MP-MLA कोर्ट में दिया और मूल केस के गवाहों की गवाही को गैंगस्टर मामले में शमिल करने की मांग की थी. इसी प्रार्थनापत्र पर पिछले 5 अक्टूबर को भी सुनवाई हुई थी और आज मामले में अगली सुनवाई हुई.