गाजीपुर: अपर सत्र न्यायाधीश / MPMLA अरविंद मिश्र की अदालत ने शुक्रवार को जान से मारने की धमकी के मामले में पूर्व मंत्री विजय मिश्रा और दीपक वर्मा को दोषमुक्त कर दिया है. अभियोजन के अनुसार एक न्यूज चैनल के संपादक सुनील कुमार सिंह ने 12 मार्च 2017 की घटना के बाबद तहरीर दी थी कि पूर्व मंत्री विजय मिश्रा की पोल खोल रही खबरों से घबराकर और अपनी हार की बौखलाहट के कारण उन्होंने फोन पर जान से मारने की धमकी दी. इसके वावजूद वादी ने उसे नजरअंदाज कर दिया. फिर भी, लगातार जान से मारने की धमकी मिलती रही. होली के दिन विजय मिश्र के सहयोगी दीपक वर्मा ने उसी नंबर से फोन कर जान से मारने की धमकी दी. वादी की सूचना पर मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र पेश किये.
विचारण के उपरांत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोनों आरोपियों को 28 जुलाई 2023 को 1 साल की साधारण कारावास और 500 -500 रुपये के अर्थदंड से दण्डित करने का आदेश दिया था. उक्त आदेश के विरुद्ध आरोपियों ने 14 अगस्त 2023 को जनपद न्यायाधीश के न्यायालय में अपील दाखिल की. जिसकी सुनावई हेतु पत्रवाली को MPMLA कोर्ट अरविंद मिश्र की अदालत में भेजा गया. वहां, सुनवाई के बाद शुक्रवार को दोनों आरोपियों की अपील को स्वीकार करते हुए दोषमुक्त कर दिया गया.
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विजय मिश्रा के बेटे की जमानत अर्जी खारिज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. विजय मिश्रा, विष्णु मिश्रा सहित लगभग 12 लोगों के खिलाफ वाराणसी के जैतपुरा थाने में जानलेवा हमला करने, मारपीट, धमकाने, बलवा करने सहित तमाम संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है. इस मामले में जमानत के लिए विष्णु मिश्रा ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने इसे खारिज कर दिया है.
भदोही की पीड़ित महिला ने विजय मिश्रा, विष्णु मिश्रा, विकास मिश्रा, रीमा पांडे, सीमा पांडे, गरिमा तिवारी, सतीश मिश्र, प्रकाश चंद्र मिश्रा, राज दुबे, रतन मिश्रा, मुकेश तिवारी और विमल दुबे सहित कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है, कि उसके द्वारा पूर्व में दर्ज कराए गए मुकदमे में सुलह करने के लिए आरोपी गण उस पर दबाव बना रहे थे. सुलह नहीं करने पर उसे धमकाया और मारा पीटा गया. कोर्ट ने इस मामले में जमानत का उचित आधार न पाते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है.