गाजीपुरः मोहम्मदाबाद उसरी चट्टी गोलीकांड के मामले में गाजीपुर के एमपीएमएलए कोर्ट में मंगलवार को पूर्व एमएलसी और यूपी के बाहुबलियों में शुमार बृजेश सिंह की पेशी हुई. जमानत मिलने के बाद आज दूसरी बार बृजेश सिंह अपने वकीलों के साथ पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पहुंचा. बृजेश सिंह के खिलाफ मुकदमें का अहम गवाह मुख्तार अंसारी का ड्राइवर रमेश राम भी कोर्ट में पेश हुआ. इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से त्रिभुवन सिंह भी मौजूद रहे.
कोर्ट में जिरह के दौरान गवाह रमेश राम ने आरोपी के पहचानने की बात की, लेकिन सरकारी वकील के द्वारा आरोपियों के पहचानने की बात नहीं की गई. आरोपियों की पहचान के लिए कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया गया है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 सितंबर नियत की है. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि उसरी कांड के मुख्य गवाह रमेश राम की पुलिस अभिरक्षा में पेशी हुई है. जिसमें सरकारी वकील के जिरह जारी करते हुए अगली तारीख 13 सितंबर को कोर्ट द्वारा मुकर्रर की गई है.
अधिवक्ता लियकत अली ने बताया कि पिछली तारीख में उन्होंने गवाह रमेश राम की सुरक्षा के लिए न्यायालय से गुहार लगाई थी. जिसके बाद न्यायालय ने रमेश राम को थाने में सुरक्षा देने का आदेश जारी किया गया था. आज पेशी के दौरान न्यायालय ने गवाह रमेश राम को उनके घर पर रहने और सुरक्षा देने का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि सरकारी वकील के द्वारा घटना के आरोपियों की पहचान के लिए पूछा गया. जिस पर गवाह ने पहचानने की बात कही है, लेकिन सरकारी अधिवक्ता के द्वारा आरोपियों की पहचान नहीं कराई गई है.
गौरतलब है कि 2001 को हुए उसरी चट्टी गोलीकांड का मामला एक बार फिर चर्चा में बना हुआ है. जिसमें बाहुबली मुख्तार अंसारी बाल-बाल बचे थे. गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है. वहीं, माफिया बृजेश सिंह इस मामले में मंगलवार को दूसरी बार पेशी पर पहुंचा है. बता दें कि 15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी अपने पैतृक गांव मुहम्मदाबाद से मऊ जा रहे थे. उन दिनों पंचायत चुनाव चल रहे थे. बाहुबली मुख्तार अंसारी अपने उम्मीदवारों के प्रचार के लिए मऊ जा रहे थे. मुहम्मदाबाद से 7 किमी दूर उसरी चट्टी पर एक ट्रक खड़ा था, जिसमें हमलावर छुपे थे.
बाहुबली मुख्तार अंसारी दिन भर प्रचार के बाद शाम को अपने मुहम्मदाबाद स्थित घर वापस जा रहे थे. इसी दौरान उसरी चट्टी पर ट्रक सवार और सूमो सवार हमलावरों ने ऑटोमैटिक रायफल से अंसारी के काफिले पर हमला बोल दिया. इस गोलीकांड में मुख्तार अंसारी बाल-बाल बचे थे वहीं, अंसार के बॉडीगार्ड समेत तीन लोग की जान तली गई थी. इस हमले करीब 11 लोग घंभीर रूप से घायल थे. इस गोलीकांड का मास्टरमाइंड बृजेश सिंह को माना गया. उसरी चट्टी कांड के प्रकरण में माफिया मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह सहित करीब 20 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था.
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