गाजीपुर : सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गाजीपुर के जहूराबाद से विधायक ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को 10:00 बजे से सरजू पांडेय पार्क में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. यह धरना 2:30 बजे तक चला. वे खुद पर हुए कथित हमले के हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे.
दरअसल, बीते 10 मई को जफराबाद विधानसभा में ओमप्रकाश राजभर इलाके का दौरा करने के लिए गए थे. इसी दौरान गोसलपुर ग्रामवासियों और ओमप्रकाश राजभर के बीच किसा बात को लेकर विवाद हो गया. इसका वीडियो खुद ओमप्रकाश राजभर ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि उन पर हमला भी किया गया था. हमले के दिन ओमप्रकाश राजभर धरने पर बैठे थे जिसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया. अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राजाधारी चौरसिया मोहम्मदाबाद सीओ रविंद्र कुमार वर्मा के साथ फोर्स से साथ मौके पर पहुंचे.
उन्होंने ओमप्रकाश राजभर को आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर धरने को समाप्त कर दिया. ठीक उसी समय ओमप्रकाश राजभर ने भी प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो जिलेभर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इसी क्रम में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने तथा उल्टे उन पर और उनके समर्थकों पर मुकदमा दर्ज हो जाने से वे गुस्साए गए थे जिसे लेकर शुक्रवार को उन्होंने सरजू पांडेय पार्क में धरना दिया.
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इस दौरान ओमप्रकाश राजभर ने संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह यहां के अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण की ओर से आश्वासन मिला था, उस आश्वासन के साथ विश्वासघात किया गया है. डीएम के दफ्तर में बैठकर उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है. उन्होंने प्रशासन को और योगी सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि एक-दो बार नहीं बल्कि उनके ऊपर चार बार जुल्म हो चुका है. इसका हिसाब भी होकर रहेगा. अभी गाजीपुर में हुआ, अब जो होगा दिल्ली और 23 को लखनऊ में होगा.
ओमप्रकाश राजभर यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि अभी 2024 लोकसभा चुनाव आ रहा है. इसमें इन लोगों की अपनी औकात पता चल जाएगी. उन्होंने तमाम राजनीतिक पार्टियों का नाम लेते हुए 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी लेखा-जोखा धारना के बहाने रख दिया. उन्होंने कहा, 'यदि तुम मेरे तेवर को बागी समझते हो तो हां मैं बागी हूं. मुझे कोई रोक नहीं सकता'.
वहीं, ओमप्रकाश राजभर के धरना को समर्थन देने के लिए गाजीपुर, बलिया, मऊ और चंदौली के विधायक भी धरने में शामिल होने के लिए पहुंचे थे जिससे धरना के बहाने राजनीति की गर्माहट भी शुरू हो गयी.
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