गाजीपुरः राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव सोमवार को गाजीपुर पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इसेक बाद जनता दर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए. राज्य मंत्री ने जनता दरबार में आए फरियादियों की फरियाद को सुना और संबंधित विभाग और अधिकारियों को निस्तारण करने का निर्देश भी दिए.वहीं, समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा.
मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने बताया कि आज अधिकतर मामले जमीनी विवाद से संबंधित रहे. जिसके लिए संबंधित विभाग और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि पार्टी पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की और उस बैठक में जनपद से संबंधित कई तरह की शिकायतें मिली हैं. जिसके लिए वह जिला अधिकारी के साथ बैठक कर उसे निस्तारित कराने का कार्य करेंगे.
मीडिया से बातचीत करते हुए एक दिन पहले समाजवादी पार्टी द्वारा अपनी सभी इकाई को भंग कर दिए जाने पर मंत्री गिरीश चंद यादव ने कहा कि अखिलेश यादव के पास और कुछ बचा ही नहीं है, तो इसके अलावा और क्या कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कन्नौज और बदायूं साफ हो गया, बचा हुआ आजमगढ़ था वह भी साफ हो गया. इसलिए अब उनके पास इकाई को भंग करने और बहाल करने के अलावा कोई कार्य नहीं बचा है. 2017 और 2019 में भी जनता ने उन्हें नकार दिया. इसके बाद 2022 और अब उपचुनाव में भी नकार दिया गया. उनका जनता से अब कोई लेना-देना नहीं रहा है.
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मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि अखिलेश यादव काअपना क्षेत्र कन्नौज और बदायूं जिसे उनका किला माना जाता था. फिर भी 2019 में 16 दल मिलकर एक महागठबंधन हुआ था. ममता दीदी और मायावती से भी गठबंधन हुआ था. जिसे दीदी और बुआ कहा जाता था, बदायूं और कन्नौज की जनता ने इन्हें नकार दिया. इसलिए कहा गया है कि अब उत्तर प्रदेश की जनता को योगी और मोदी पर विश्वास है. हमारी सरकार जन समस्याओं के निस्तारण पर ही बहुत तेजी से कार्य कर रही है. इसीलिए सभी लोग एकजुट होकर 2022 में भी चुनाव जीता है और अभी उपचुनाव में भी दोनों सीटों पर जनता ने चुनाव जीता है.
आजमगढ़ उप चुनाव में जीते निरहुआ के भाई विजय लाल यादव जो समाजवादी पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी हैं. उन्हें पार्टी के जिला अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निष्कासित करने का पत्र प्रदेश अध्यक्ष को भेजा गया है. इस पर उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी हुई कि दिनेश लाल निरहुआ अपने गृह नगर आए थे और वहां पर एक फोटो वायरल हुई, जिसमें विजय लाल यादव भी दिख रहे थे. उनके पास बस यही काम बचा है लोगों को निष्कासित करना. बड़े बुजुर्गों की बात नहीं मानता तो ऐसे लोगों का हश्र यही होता है. उनको इसी तरह के परिणाम भुगतने होते हैं, वही परिणाम हुआ भुगत रहे हैं.
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