गाजीपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है. पूरा देश और विश्व कोरोना से जंग लड़ रहा है. वहीं लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित दिहाड़ी मजदूर हैं. ईटीवी भारत ने खबर दिखाई थी कि गाजीपुर के बुजुर्गा कोठवा गांव के वनवासी बस्ती में लोग नमक-आलू खाकर जिंदा रहने की जद्दोजहद कर रहे हैं.
खबर का लिंक: गाजीपुर: लॉकडाउन के कारण काम न मिलने से भुखमरी की कगार पर दिहाड़ी मजदूर
ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए डीएम ओमप्रकाश आर्य ने तत्काल राहत सामग्री वितरित कराई, जिससे कई दिनों बाद वनवासी बस्ती के इन घरों में खाना पका. राहत सामग्री मिलने के बाद सभी के चेहरे खिल उठे.
ईटीवी भारत ने किया बस्ती का दौरा
कोठवा गांव के इस बस्ती के लोग आसपास लगे ईंट के भट्ठों पर मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते थे, जिससे इन परिवारों का भरण-पोषण होता था. वहीं काम बंद न होने से लभगग पूरी बस्ती के लोग भुखमरी के शिकार हो गए. किसी तरह वे नमक-आलू खाकर जिंदगी की जंग लड़ रहे थे.
वहीं मामले की जानकारी होने पर ईटीवी भारत की टीम मनिहारी ब्लॉक के बुजुर्गा कोठवा गांव के वनवासी बस्ती में पहुंची, जहां आसपास के क्षेत्रों के ईट-भट्ठों पर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग मिले. उन्होंने बताया कि कोरोना से पहले उनके सामने अभी जिंदा रहने का संकट है. लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो गया. अब परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है. बमुश्किल दूसरे खेतों से आलू की खुदाई में बचे छोटे-छोटे आलू खाकर खुद और अपने बच्चों का पेट भर रहे थे.
लोगों ने ईटीवी भारत का किया धन्यवाद
यह खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई, जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम ओमप्रकाश आर्य ने एसडीएम जखनिया को निर्देशित किया. डीएम के निर्देश पर सभी जरूरतमंदों को जिला प्रशासन के द्वारा तत्काल राहत सामग्री का पैकेट वितरित किया गया, जिससे अब इन परिवारों को खाने के लिए रोटी, चावल, दाल मिल सका. बस्ती के लोगों ने दिल से ही ईटीवी भारत और जिला प्रशासन का धन्यवाद किया.