गाजीपुर: किसान जिसकी आए दोगुनी करने का सरकार वादा करती है. वहीं, किसान हमेशा परिस्थतियों का मारा होता है. कभी आपदा तो कभी बारिश तो कभी बाढ़ इनके लिए मुसीबत बनती है. कुछ ऐसा ही जनपद गाजीपुर के करईल इलाके के किसानों की स्थिति है जो मगई नदी में मछली माफियाओं के द्वारा कब्जा कर लिए जाने के कारण उनके हजारों एकड़ खेत आज पिछले 1 माह से भी ऊपर के समय से पानी से लबालब हैं. खरीफ की फसल बर्बाद हो चुकी है और अब रवि के बुवाई का भी कोई उम्मीद नहीं दिख रहा है जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी से संबंधित किसान पिछले 3 दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं तो वहीं, आज जनपद के दौरे पर आए कैबिनेट मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा कि यह लोग बीजेपी के कार्यकर्ता नहीं हो सकते जिसको लेकर किसानों में काफी गुस्सा है.
भारतीय जनता पार्टी का बैनर लगाकर जमीन पर दरी बिछाकर यह लोग मोहम्मदाबाद तहसील के किसान है. जिनके खेतों में पिछले 1 माह से भी ऊपर के समय से मगई के पानी ने कब्जा किया हुआ है. कारण है कि जनपद से होकर बहने वाली मगई नदी जो बलिया होते हुए गंगा में जाकर मिल जाती है, लेकिन बलिया की सीमा में मछली माफियाओं ने नदी में टिन शेड डालकर पानी की धारा को रोक रखा है. जिसके चलते मोहम्मदाबाद तहसील के हजारों एकड़ खेत पानी से लबालब हैं. जिसके लिए किसानों ने अपने विधायक व जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. जिला प्रशासन के द्वारा भी इसको लेकर कई बार कार्रवाई भी की गई है, लेकिन अभी तक मगई का पानी खेतों में जस का तस है. जनपद के दौरे पर आए कैबिनेट मंत्री उपेंद्र तिवारी से जब किसानों की समस्याओं से बात की गई और बताया गया कि किसान भारतीय जनता पार्टी से संबंधित है उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता नहीं कर सकता और कोई भी किसान भारतीय जनता पार्टी का नहीं है बल्कि उनके हमशक्ल या छद्दम बीजेपी कार्यकर्ता हैं.
मंत्री के बयान पर गुस्से में धरने पर बैठे किसान
वहीं, जब कैबिनेट मंत्री के द्वारा उनकी समस्याओं को लेकर दिए गए बयान के बारे में बीजेपी से संबंधित किसान नेताओं को हुई तो उन लोगों ने मंत्री पर जमकर भड़ास निकाला. साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी समस्या को लेकर जो जिला प्रशासन के लोग है. वह लोग उसे खत्म नहीं करना चाहते हैं. जिसको लेकर इन लोगों ने जिला प्रशासन को भी अपशब्द कहे. बताते चलें कि मोहम्मदाबाद विधानसभा बलिया लोकसभा के अंतर्गत आता है यहां के सांसद भारतीय जनता पार्टी से विरेंद्र सिंह मस्त और खुद मोहम्मदाबाद विधानसभा की विधायक भारतीय जनता पार्टी के अलका राय हैं. बावजूद इसके इन किसानों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है ऐसा भी नहीं की किसानों की समस्या नहीं है बल्कि यह समस्या पिछले बार भी आई थी और सबसे हैरानी की बात है कि इस बार फसल मुआवजा के लिए जो सर्वे किया गया है उसमें 50% से नीचे ही किसानों की छति बताई गई है जिसके चलते इन्हें अपनी उपज का मुआवजा नहीं मिल पाएगा.
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