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महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं जिंदादिल दिव्यांग सविता

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Published : Mar 8, 2021, 12:20 PM IST

यूपी के गाजीपुर की रहने वाली दिव्यांग सविता महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं. सविता दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए उनको कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है.

महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं जिंदादिल दिव्यांग सविता
महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं जिंदादिल दिव्यांग सविता

गाजीपुर: आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है. आज के दिन हम उन सभी महिलाओं को सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने किसी न किसी क्षेत्र में देश का मान बढ़ाया है. ऐसी ही एक महिला गाजीपुर जिले की रहने वाली सविता सिंह भी हैं. सविता दोनों पैरों से दिव्यांग हैं.

दिव्यांग सविता से ईटीवी भारत की खास बातचीत

कुछ करने के लिए आतमबल जरूरी

सविता दिव्यागों के लिए स्कूल चलाती हैं. इनके साथ साथ दो और महिलाएं भी इनके हर काम में अपना सहयोग प्रदान करती हैं, जिससे उनका मनोबल बढ़ जाता है. सविता सिंह का कहना है कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो भगवान ने हमें दिव्यांग बनाया. घरवाले बचपन में हमसे बहुत परेशान रहा करते थे और उनको यह लगता था इस दिव्यांग लड़की का जीवन किस तरह से व्यतीत होगा, लेकिन मैने हार नहीं मानी और मन में ठान लिया कि हमें समाज में कुछ ऐसा कर दिखाना है, जिससे समाज में लोगों को एक ऐसा संदेश जाए कि किसी भी काम को करने के लिए हाथ पैर और यंत्र के बजाए आत्मबल का मजबूत होना बहुत ही जरूरी है.

सविता को किया जा चुका है सम्मानित

सविता सिंह द्वारा दिव्यांगों के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों विकलांगता दिवस पर सम्मान मिल चुका है. इसके अलावा वर्ष 2013 में रूपायन अवार्ड भी वह अपने नाम कर चुकी हैं. साल 2014-15 में एआर रहमान के उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार, 2017 में एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा स्टेट अवार्ड के साथ ही अन्य पुरस्कार जीतकर उन्होंने कीर्तिमान स्थापित किया है.

सविता के विद्यालय में दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने वाली अध्यापिका लक्ष्मी वर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है. सरकार ने भी महिलाओं के सम्मान के लिए जो कार्य किया है, वह काबिले तारीफ है.

गाजीपुर: आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है. आज के दिन हम उन सभी महिलाओं को सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने किसी न किसी क्षेत्र में देश का मान बढ़ाया है. ऐसी ही एक महिला गाजीपुर जिले की रहने वाली सविता सिंह भी हैं. सविता दोनों पैरों से दिव्यांग हैं.

दिव्यांग सविता से ईटीवी भारत की खास बातचीत

कुछ करने के लिए आतमबल जरूरी

सविता दिव्यागों के लिए स्कूल चलाती हैं. इनके साथ साथ दो और महिलाएं भी इनके हर काम में अपना सहयोग प्रदान करती हैं, जिससे उनका मनोबल बढ़ जाता है. सविता सिंह का कहना है कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो भगवान ने हमें दिव्यांग बनाया. घरवाले बचपन में हमसे बहुत परेशान रहा करते थे और उनको यह लगता था इस दिव्यांग लड़की का जीवन किस तरह से व्यतीत होगा, लेकिन मैने हार नहीं मानी और मन में ठान लिया कि हमें समाज में कुछ ऐसा कर दिखाना है, जिससे समाज में लोगों को एक ऐसा संदेश जाए कि किसी भी काम को करने के लिए हाथ पैर और यंत्र के बजाए आत्मबल का मजबूत होना बहुत ही जरूरी है.

सविता को किया जा चुका है सम्मानित

सविता सिंह द्वारा दिव्यांगों के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों विकलांगता दिवस पर सम्मान मिल चुका है. इसके अलावा वर्ष 2013 में रूपायन अवार्ड भी वह अपने नाम कर चुकी हैं. साल 2014-15 में एआर रहमान के उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार, 2017 में एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा स्टेट अवार्ड के साथ ही अन्य पुरस्कार जीतकर उन्होंने कीर्तिमान स्थापित किया है.

सविता के विद्यालय में दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने वाली अध्यापिका लक्ष्मी वर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है. सरकार ने भी महिलाओं के सम्मान के लिए जो कार्य किया है, वह काबिले तारीफ है.

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