कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 39वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि, इस देश में वैसे तो समाज के लिए जरुरी कई इनोवेशन हो रहे हैं और उनका लाभ भी आमजन को मिल रहा है. लेकिन अब ऐसा इनोवेशन होना चाहिए जिससे यह पता लग सके, कि आखिर मां के गर्भ में बच्चे की मौत क्यों हो जाती है? इस पर रोक लगाने की कोशिश की जानी चाहिए. जानने का प्रयास होना चाहिए और फिर कोई एक ऐसा एप बनना चाहिए जिससे मां के गर्भ में बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ रहकर जन्म ले सके. इसकी पूरी जानकारी सामने आ जाए.
वहीं दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में शामिल होने से पहले राज्यपाल ने 153 छात्राओं को सर्वाईकल कैंसर से बचाव के लिए लगने वाले टीकाकरण कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक क्लिक पर यूनिवर्सिटी के समर्थ पोर्टल का शुभारंभ किया. साथ ही 1.18 लाख छात्र-छात्राओं को डिजिलॉकर की मदद से डिग्रियां दी. कार्यक्रम में 105 टॉपर्स पर पदकों की बारिश भी हुई. कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को मानद उपाधि दी गई.
समारोह के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानि एआईसीटीई के चेयरमैन डॉ.अभय जेरे ने कहा, कि जिस तरह अमेरिका सहित अन्य देश गिग इकोनॉमी पर काम कर रहे हैं. ठीक वैसे ही विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए हमें भी गिग इकोनॉमी पर काम करना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि, गिग इकोनॉमी का मतलब है कि आने वाले समय में कोई भी संस्थान इंडिपेंडेंट वर्कर्स से शॉर्ट टर्म कमिटमेंट के तहत काम करा सकें.
कार्यक्रम के बाद उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, एडेड डिग्री कालेजों के शिक्षकोें की ट्रांसफर अवधि तीन साल करने के लिए आदेश जल्द जारी होगा.
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