गाजीपुर: एक तरफ जहां कोविड-19 महामारी को लेकर पूरा देश जंग लड़ रहा है तो वहीं गाजीपुर के 6 चिकित्सक पिछले कई सालों से ड्यूटी से गायब होकर विभाग की मिलीभगत से प्रतिमाह लाखों रुपये का वेतन डकार रहे हैं. इस बात का खुलासा जिलाधिकारी ने अपने एक जांच में किया, जिसके बाद सभी चिकित्सकों को नोटिस जारी किया गया है ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
बताते चलें कि यह सभी डॉक्टर यहां से अपना पूरा वेतन विभागीय अधिकारी और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से ले रहे थे. ये डॉक्टर बड़े शहरों में निजी नर्सिंग होम में अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं, जिसके चलते यह लगातार पिछले कई सालों से ड्यूटी से गायब हैं.
इस तरह हुआ खुलासा
गाजीपुर में पिछले कई सालों से चिकित्सकों की भारी कमी है, फिर भी जुगाड़ के सहारे पूरा काम चल रहा है. वहीं कई ऐसे भी चिकित्सक हैं, जो ड्यूटी में होने और अपना पूरा वेतन लेने के बाद भी सालों से गायब होकर निजी प्रैक्टिस करने में लगे हुए हैं. इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से डॉक्टरों की लिस्ट मांगी और फिर ट्रेजरी से डॉक्टरों के वेतन भुगतान का लिस्ट निकलवाया, जिसमें सभी डॉक्टरों के वेतन का भुगतान किया गया था.
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दोनों लिस्ट में 6 डॉक्टर ऐसे मिले, जिनका मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा दिए गए लिस्ट में नाम शामिल नहीं था. ऐसे में जिलाधिकारी का माथा ठनका और जब जांच की गई तो पता चला कि पिछले कई सालों से ये सभी अपने ड्यूटी से नदारद हैं. इन डॉक्टरों में डॉ मनमोहन मिश्रा एसीएमओ के पद पर हैं, लेकिन पिछले तीन-चार सालों से गायब हैं जबकि प्रतिमाह लाखों रुपये का उन्हें भुगतान होता रहा है. इसके साथ ही डॉ. प्रवीण मिश्र, डॉ पंकज पांडे, डॉ शांतनु मिश्रा, डॉ राहुल और डॉ महीधर शामिल हैं, जो गायब हैं.
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इस बारे में जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि इन सभी डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन लोगों के द्वारा जवाब आने पर आगे विधिक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि नोटिस जारी करने पर दो डॉक्टरों ने तत्काल नौकरी ज्वॉइन कर ली है. वहीं एक डॉक्टर के जल्द ज्वॉइन करने की उम्मीद है.