गाजीपुर: कुपवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान अश्विनी कुमार यादव का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह उनके पैतृक गांव नोनहरा थाना क्षेत्र के चक दाउद में लाया गया. इस दौरान उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. शहीद के घर के बाहर उमड़ी भीड़ ने इस दौरान वंदे मातरम के नारे भी लगाए. शहीद की शहादत को गाजीपुर समेत पूरा देश सलाम कर रहा है, लेकिन कोरोना के संक्रमण की एडवाइजरी की अवहेलना जिला प्रशासन की मुस्तैदी पर सवालिया निशान भी लगा रही है.
शनिवार को कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें सेना के चार सपूत और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक ऑफिसर शहीद हुए थे. इसके बाद सोमवार को आतंकियों ने एक बार फिर से कायराना हरकत की. आतंकियों ने कुपवाड़ा में सीआरपीएफ के दस्ते पर छिपकर हमला किया. इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए. इन तीन जवानों में यूपी के गाजीपुर के रहने वाले अश्विनी कुमार यादव और बिहार के संतोष कुमार मिश्रा और तमिलनाडु के शहीद चंद्रशेखर शामिल हैं.
मंगलवार को एयरफोर्स का एक विमान शहीदों के पार्थिव शरीर लेकर दिल्ली पहुंचा था. शहीद अश्विनी कुमार यादव और संतोष कुमार मिश्रा के पार्थिव शरीर दिल्ली लाए गए थे, जहां से अश्विनी कुमार यादव का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह 7 बजे गाजीपुर लाया गया.
शहीद सीआरपीएफ जवान के अंतिम दर्शन में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा. इन सबके बीच कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की एडवाइजरी का भी बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया. हजारों की संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जुटे. इन सबके बीच जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुलती नजर आ रही थी.
सीआरपीएफ जवान अश्विनी यादव के परिवार को सरकार की ओर से 25 लाख का चेक दिया गया है. डीएम, एसपी ने शहीद की पत्नी को 20 लाख और शहीद की मां को 5 लाख का चेक दिया. बड़ी संख्या में लोगों ने जिले के वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी. आज शहर के श्मशान घाट पर शहीद जवान की अंत्येष्टि होगी.