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गाजीपुर: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भ्रष्टाचार, 57 जोड़े पाए गए फर्जी - गाजीपुर ताजा खबर

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. जिले की मनिहारी ब्लॉक में 110 में से 57 जोड़े फर्जी पाए गए हैं. वहीं जिलाधिकारी ने ऐसे जोड़ों की जांच के लिए टीम गठित कर दी है.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भ्रष्टाचार.
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Published : Nov 21, 2019, 2:42 AM IST

गाजीपुर: सूबे की योगी और केंद्र की मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात करती है, लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. शादीशुदा जोड़े अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर सामूहिक विवाह में शामिल होकर सरकारी पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं. ऐसा ही मामला जिले की मनिहारी ब्लॉक में देखने को मिला, जहां 110 में से 57 जोड़े फर्जी निकले हैं.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भ्रष्टाचार.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भ्रष्टाचार

  • गाजीपुर में फर्जी शादी का मामला संज्ञान में आया तो संबंधित अधिकारियों के होश उड़ गए.
  • सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रदेश भर में हजारों जोड़ों की शादी कराई गई.
  • मनिहारी ब्लॉक में 110 में से 57 जोड़े फर्जी पाए गए.
  • अन्य ब्लॉकों में भी आयोजित विवाह पर भी जांच की आंच आ सकती है.
  • जिलाधिकारी ने फर्जी जोड़ों की जांच के लिए टीम गठित कर दी है.

इसे भी पढ़ें- गाजीपुर: मामूली विवाद को लेकर चली गोलियां, एक घायल

मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सीडीओ की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें एक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और सीनियर ट्रेजरी ऑफिसर है. उनसे नियत समय में जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है. रिपोर्ट आने के बाद जिसके स्तर पर अनियमितता बरती गई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- ओम प्रकाश आर्य, डीएम, गाजीपुर

गाजीपुर: सूबे की योगी और केंद्र की मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात करती है, लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. शादीशुदा जोड़े अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर सामूहिक विवाह में शामिल होकर सरकारी पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं. ऐसा ही मामला जिले की मनिहारी ब्लॉक में देखने को मिला, जहां 110 में से 57 जोड़े फर्जी निकले हैं.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भ्रष्टाचार.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भ्रष्टाचार

  • गाजीपुर में फर्जी शादी का मामला संज्ञान में आया तो संबंधित अधिकारियों के होश उड़ गए.
  • सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रदेश भर में हजारों जोड़ों की शादी कराई गई.
  • मनिहारी ब्लॉक में 110 में से 57 जोड़े फर्जी पाए गए.
  • अन्य ब्लॉकों में भी आयोजित विवाह पर भी जांच की आंच आ सकती है.
  • जिलाधिकारी ने फर्जी जोड़ों की जांच के लिए टीम गठित कर दी है.

इसे भी पढ़ें- गाजीपुर: मामूली विवाद को लेकर चली गोलियां, एक घायल

मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सीडीओ की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें एक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और सीनियर ट्रेजरी ऑफिसर है. उनसे नियत समय में जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है. रिपोर्ट आने के बाद जिसके स्तर पर अनियमितता बरती गई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- ओम प्रकाश आर्य, डीएम, गाजीपुर

Intro:भ्रष्टाचार के कारण मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना , बनकर रह गई पुनर्विवाह योजना 


गाजीपुर । सूबे की योगी और केंद्र की मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात करती है। लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना जिसमें कमोबेश उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। शादीशुदा जोड़े अधिकारियों से सेटिंग करके सामूहिक विवाह में शामिल होकर सरकारी पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भ्रष्टाचार के कारण महज़ पुनर्विवाह योजना बन कर रह गई है। मनिहारी ब्लॉक में 110 में से 57 जोड़े फर्जी निकले।






Body:सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार के जाल से निकलना तो दूर दिनों दिन और जकड़ती जा रही हैं। वहीं जिलाधिकारी ने ऐसे जोड़ों की जांच के लिए टीम गठित कर दी है।योजना के तहत प्रदेश भर में हजारों जोड़ों की शादी कराई गई। गाजीपुर में फर्जी शादी का मामला संज्ञान में आया की संबंधित अधिकारियों के होश उड़ गये । मनिहारी ब्लॉक में 14 नवंबर को हुए सामुहिक विवाह में कई ऐसे जोड़े पहुंचे, जिनकी पहले शादी हो चुकी थी। बड़ी बात यह कि मनिहारी ब्लॉक में 110 में से 57 जोड़े फर्जी निकले। वहीं अन्य ब्लॉकों में भी आयोजित विवाह पर भी जांच की आंच आ सकती है है। 





Conclusion:जिसमें कुल 110 पात्र व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन किया गया। रजिस्ट्रेशन ब्लॉक कर्मचारियों व समाज कल्याण विभाग द्वारा किया गया। वह इस मामले में जिलाधिकारी ओम प्रकाश आर्य ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सीडीओ की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। जिसमें एक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और सीनियर ट्रेजरी ऑफिसर है। उनसे नियत समय में जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। रिपोर्ट आने के बाद जिसके स्तर पर अनियमितता बरती गई है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


बाइट - ओम प्रकाश आर्य ( डीएम गाजीपुर ), विजुअल


 उज्जवल कुमार राय, 7905590960


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