गाजीपुरः प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मदरसों को लेकर एक नया आदेश जारी किया है. इस शासनादेश के मुताबिक प्रदेश में संचालित हो रहे सभी मान्यता प्राप्त अनुदानित व गैर-अनुदानित मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले राष्ट्रगान की अनिवार्यता कर दी गई है. इस नए शासनादेश को लेकर मुहम्मदाबाद के मौलवियों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आई है. मुहम्मदाबाद के ही रहवासी मौलाना अनवार हुसैन सिद्दीकी ने इस नए शासनादेश को लेकर मीडिया को बताया कि यह प्रदेश के मुख्यमंत्री का आदेश है और वह इस आदेश का स्वागत करते हैं. लेकिन, वह यह गुजारिश भी करते हैं कि पाकिस्तान चूंकि भारत का दुश्मन मुल्क है और राष्ट्रगान में एक शब्द 'सिंध' का भी इस्तेमाल किया गया है. ऐसी सूरत में पाकिस्तान से जब भारत के रिश्ते तल्ख हैं तो वह सिंध का यशगान नहीं कर सकते हैं.
मौलवी सिद्दीकी ने मांग की, कि राष्ट्रगान से 'सिंध' शब्द को हटाकर किसी और शब्द का प्रयोग किया जाए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के वजीर-ए-आला का यह आदेश है और वह इसका इस्तकबाल करते हैं. अनवार हुसैन सिद्दीकी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के वजीर-ए- आला एक संत भी हैं. उन्हें इस बात को समझना चाहिए कि वह एक महंत साधु हैं. उनके सामने इंसानियत पहले है. हिन्दू-मुसलमान बाद में हैं.
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उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि हिन्दू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद से ऊपर उठकर प्रदेश की तरक्की के लिए काम किया जाना चाहिए. अगर सूबे की सरकार और मुख्यमंत्री मुसलमानों के लिए अगर एक कतरा पसीना बहाएंगे तो उनका दावा है कि मुसलमान अपने जिस्म के एक-एक कतरे खून को सूबे और मुल्क की बेहतरी बहा देंगे. आगे उन्होंने यूपी सरकार की बुलडोर नीति पर तंज करते हुए कहा कि बुलडोजर चलने का वह स्वागत करते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी देखा है कि ठेले पर गन्ना बेचने वाला गिड़गिड़ाता रहा और उसकी एक नहीं सुनी गई.
मुमताज अंसारी मदरसा आचार्य अनुदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार और मोदी सरकार की नीतियों से वह पूरी तरह संतुष्ट हैं. जहां तक मदरसों में राष्ट्रगान गाने का जो शासनादेश जारी किया गया है तो वह उसका स्वागत करता है. उनके अनुसार गुरुवार को पूरे देश में मनोयोग से मदरसों के विद्यार्थियों और स्टाफ ने तहेदिल से इसे गाया है और मरते दम तक और आखिरी सांस तक वह राष्ट्रगान का गायन करते रहेंगे. देश का राष्ट्रगान आपसी भाईचारा, प्रेम और देशभक्ति को बढ़ावा देने वाला है.
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