गाजीपुर: मंगलवार को सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपने ऊपर हमले का आरोप लगाते हुए करीमुद्दीनपुर थाने में 16 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी. बताया जा रहा है ओमप्रकाश राजभर एक कार्यकर्ता के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने गौसलपुर गांव पहुंचे थे. इस दौरान सड़क पर जाम विवाद को लेकर स्थानीय लोगों का ओपी राजभर के समर्थकों के साथ विवाद हो गया. इसको लेकर ओपी राजभर ने मुकदमा दर्ज कराया था. अब इस मामले में करीमुद्दीनपुर थाने में ही ओपी राजभर के खिलाफ क्रास एफआईआर हुई है.
बताया जा रहा है कि गौसलपुर निवासी विश्वकर्मा सिंह नाम के एक शख्स ने करीमुद्दीनपुर थाने में ओमप्रकाश राजभर के साथ ही 16 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई. विश्वकर्मा सिंह ने अपनी तहरीर में लिखा है कि विधायक ओपी राजभर उनके गांव आए थे. विधायक की गाड़ियां रास्ते में खड़ी थीं. गांव के कुछ लड़के उधर से गुजर रहे थे, जिन्होंने सड़क जाम होने पर ओपी राजभर की गाड़ियां हटाने के लिए कहा था. इस पर ओपी राजभर के समर्थकों ने गाली-गलौज करते हुए लड़कों को मारने के लिए ललकारने लगे. इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था.
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बता दें कि जहां दोनों तरफ से 16-16 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर कराई गई है. मंगलवार की शाम करीब 5 घंटे तक ओपी राजभर गौसलपुर गांव में ही थे. वो इस जिद पर अड़े रहे कि तहरीर देने के बाद नामजद किए गए लोगों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो, तभी वह गौसलपुर गांव से हटेंगे. एसपी ग्रामीण आरडी चौरसिया से लंबी बातचीत के बाद ओपी राजभर वहां से चले तो गए, लेकिन उन्होंने आरोपियों को पकड़े जाने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया. राजभर का कहना था कि अगर 24 घंटे में आरोपी पकड़े नहीं गए तो वह जिला मुख्यालय पर धरना देने को मजबूर होंगे.
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