गाजीपुरः सूबे में योगी आदित्यनाथ की ईमानदार सरकार भले ही कितने दावे कर लें, लेकिन भ्रष्टाचार है कि शिष्टाचार की श्रेणी में आ चुका है. रिश्वतखोरी का ताजा मामला गाजीपुर के शिक्षा विभाग से जुड़ा है. स्थानीय देवकली विकास खण्ड के बीआरसी में खण्ड शिक्षा अधिकारी के मातहत शिक्षकों की तनख्वाह देने के लिए सात हजार का घुस मांग रहे हैं. इस लेन देन का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी के चहेते शिक्षक अवधेश यादव के माध्यम से प्रति शिक्षक 7000 रुपये की वसूली की जा रही है.
आरोप है कि इसके लिए अवधेश यादव लगातार टीचरों को फोनकर और व्हाट्सएप कर पैसे की मांग करते हैं. पैसा न देने पर कई तरह की कार्रवाई और वेतन न देने की धमकी दी जाती है. इस दौरान कमपोजिट जूनियर हाईस्कूल रसूलपुर पचरासी देवकली ब्लॉक पर तैनात महिला शिक्षक के पति शिक्षक अवधेश यादव के बताए पते पर पहुंच कर 31 मई को 35 सौ रुपये दिए और शेष पैसा देने के लिए कुछ समय मांग लिया. यह पूरा कारनामा शिक्षक के पति आशीष शुक्ला ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया.
महिला शिक्षक के पति ने बताया कि वेतन 12 मई को खाते में ट्रांसफर हो चुका था. बावजूद इसके पैसे के लिए लगातार दबाव बनाया जाता रहा. जिसके बाद महिला शिक्षक के पति आशीष शुक्ला अवधेश यादव के बताए स्थान पर जाकर बात की. वीडियो में दिख रहा है कि अवधेश यादव गाड़ी के अंदर बैठा है और आशीष शुक्ला गाड़ी के बाहर खड़े होकर बातचीत कर रहे हैं. शिक्षक अवधेश यादव इस दौरान यह कबूल कर रहा है कि यह पैसा खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव के द्वारा मांगा गया है. क्योंकि उनका भी ट्रांसफर होना है और अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए वह पैसे का जुगाड़ कर रहे हैं.
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महिला शिक्षा के पति आशीष शुक्ला ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव पर पूर्व में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में भी मुकदमा दर्ज है. खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव का वसूली करने का मामला किसी एक टीचर से नहीं बल्कि कई टीचरों से जुडा है. कमपोजिट विद्याल के शिक्षक राजेश सिंह रघुवंशी का आरोप है कि वसूली न देने और आनाकानी करने पर शिक्षकों को निलंबित करना, उनके खिलाफ कार्रवाई करना, वेतन रोक देना और जेल तक भिजवा देना, उनकी नियति में शामिल है.
वहीं जब इस मामले को जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के सामने रखा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक उन्होंने इस तरह का वीडियो नहीं देखा है, लेकिन यदि ऐसा मामला है तो वह जरूर कार्रवाई करेंगे. साथ ही शिक्षक और एबीएसए पर भी मुकदमा लिखवाने तक की कार्रवाई करेंगे.