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गाजीपुर: 181 हेल्पलाइन कॉल सेंटर पर लगा ताला, महिलाकर्मियों ने साझा किया दर्द

यूपी के गाजीपुर जिले में बंद पड़े 181 हेल्पलाइन कॉल सेंटर की महिला कर्मी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि हमें पिछले 1 साल से सैलरी नहीं मिली थी और अब हेल्पलाइन बंद होने से उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं.

181 हेल्पलाइन की महिला कर्मी.
181 हेल्पलाइन की महिला कर्मी.
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Published : Jun 12, 2020, 7:47 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 8:06 PM IST

गाजीपुर: महिलाओं को किसी भी तरह की मुसीबत से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में संचालित 181 महिला हेल्पलाइन को बंद कर दिया गया. पिछले एक साल से अधिक समय से हिचकोले खाकर चल रही इस सेवा का संचालन कंपनी ने बंद कर दिया. कंपनी ने महिला काउंसलरों को एक महीने का नोटिस देते हुए हेल्पलाइन के सभी ऑपरेशन बंद कर दिए हैं. कंपनी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि पिछले एक साल से सरकार की तरफ से कोई भुगतान नहीं किया गया है. महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने वाली 181 महिला हेल्पलाइन की महिला कर्मियों को उनके हक का बकाया वेतन तक नहीं दिया गया है.

जानकारी देती महिला कर्मी.

पिछ्ले 1 साल से वेतन न मिलने से 181 हेल्पलाइन की महिला कर्मी बहुत ही परेशान थीं. बजट के अभाव के 181 हेल्पलाइन कॉल सेंटर पर ताला लग गया. महिला कर्मी नेहा राय ने बताया कि पिछले 1 साल से उन्हें सैलरी नहीं मिली है. सैलरी के बारे में उच्चाधिकारियों से पूछने पर सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा था. शासन की तरफ से पैसे भी स्वीकृत नहीं किए जा रहे थे, लेकिन इसके बावजूद भी वे काम करती रहीं.

महिला कर्मी दीपशिखा कनौजिया ने बताया वह 181 हेल्पलाइन से शुरूआत से जुड़ी हैं. उन्होंने पूरी ईमानदारी से काम किया, लेकिन जब सैलरी की बात आई तो प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने बताया कि वह पीड़ितों के लिए लड़ी, लेकिन उनके हक की लड़ाई अब कोई नहीं लड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें- एंबुलेंस चालक कोरोना से जंग में दे रहे योगदान, ईटीवी भारत ने जाना हाल

गाजीपुर: महिलाओं को किसी भी तरह की मुसीबत से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में संचालित 181 महिला हेल्पलाइन को बंद कर दिया गया. पिछले एक साल से अधिक समय से हिचकोले खाकर चल रही इस सेवा का संचालन कंपनी ने बंद कर दिया. कंपनी ने महिला काउंसलरों को एक महीने का नोटिस देते हुए हेल्पलाइन के सभी ऑपरेशन बंद कर दिए हैं. कंपनी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि पिछले एक साल से सरकार की तरफ से कोई भुगतान नहीं किया गया है. महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने वाली 181 महिला हेल्पलाइन की महिला कर्मियों को उनके हक का बकाया वेतन तक नहीं दिया गया है.

जानकारी देती महिला कर्मी.

पिछ्ले 1 साल से वेतन न मिलने से 181 हेल्पलाइन की महिला कर्मी बहुत ही परेशान थीं. बजट के अभाव के 181 हेल्पलाइन कॉल सेंटर पर ताला लग गया. महिला कर्मी नेहा राय ने बताया कि पिछले 1 साल से उन्हें सैलरी नहीं मिली है. सैलरी के बारे में उच्चाधिकारियों से पूछने पर सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा था. शासन की तरफ से पैसे भी स्वीकृत नहीं किए जा रहे थे, लेकिन इसके बावजूद भी वे काम करती रहीं.

महिला कर्मी दीपशिखा कनौजिया ने बताया वह 181 हेल्पलाइन से शुरूआत से जुड़ी हैं. उन्होंने पूरी ईमानदारी से काम किया, लेकिन जब सैलरी की बात आई तो प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने बताया कि वह पीड़ितों के लिए लड़ी, लेकिन उनके हक की लड़ाई अब कोई नहीं लड़ रहा है.

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Last Updated : Jun 12, 2020, 8:06 PM IST
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