नई दिल्ली: कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन का आज 55वां दिन है. किसान साफ कर चुके हैं कि जब तक कानूनों की वापसी नहीं होगी तब तक घर वापसी भी नहीं होगी. गाजीपुर बॉर्डर पर लगातार महिलाओं की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. आज गाजीपुर बॉर्डर पर किसान महिला दिवस मनाया गया. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों की महिलाएं गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर आंदोलन में शामिल हो रही हैं.
भूख हड़ताल पर बैठीं 21 महिलाएं
गाजीपुर बॉर्डर पर आज महिला किसान दिवस मनाया गया. महिला किसान दिवस पर किसान आंदोलन की बागडोर महिलाओं ने संभाली. मंच का संचालन भी महिलाओं द्वारा किया गया और मंच पर तमाम वक्ता भी महिलाएं रही. रवनीत कौर ने बखूबी मंच का संचालन किया. आंदोलन के आम दिनों में पुरुष भूख हड़ताल पर बैठे लेकिन आज महिला किसान दिवस पर भूख हड़ताल पर 21 महिलाएं बैठीं.
26 जनवरी को महिलाएं निकालेंगी ट्रैक्टर परेड
महिलाओं का कहना है किसानों की लड़ाई महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगी. 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली परेड में महिलाएं ट्रैक्टर चलाकर जाएंगी. इतिहास गवाह रहा है कि महिलाओं ने जब-जब मोर्चा संभाला है जीत निश्चित हुई है. सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है. ऐसे में अपनी मांगों को मनवाने के लिए अब महिलाओं को भी सड़कों पर आना पड़ा है. जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक घर वापसी नहीं होगी.