नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की अन्य सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है. आंदोलन को अब 100 दिन से अधिक हो चुके हैं. आंदोलन में महिलाएं भी बखूबी अपनी भूमिका निभाती नजर आ रही हैं. जहां एक तरफ महिलाएं लंगर संभाल रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ मंच से भाषण भी दे रही हैं.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गाजीपुर बॉर्डर का मंच महिलाएं संभाल रही हैं. मंच से आज संबोधन भी महिलाएं करेंगी और अनशन पर जो किसान बैठे हैं, उसमें भी महिलाएं ही अपनी भागीदारी निभाएंगी. 17 महिलाएं अनशन पर बैठीं हैं. महिलाओं ने हाथों पर इंकलाबी मेहंदी रचाई है साथ ही हाथों पर मेहंदी से कृषि यंत्र के चित्र भी बनाए हैं. महिलाओं का कहना है कि घर की किचन से लेकर बच्चों की पढ़ाई और आंदोलन को पूरे तालमेल से संभाला जा रहा है. आधी आबादी आज अपना हक चाहती है.
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मंच पर मौजूद महिला रवनीत कौर ने कहा मेहंदी सिर्फ सौंदर्यीकरण का साधन नहीं है. आंदोलन में मौजूद महिलाओं ने आज अपने हाथों पर इंकलाबी मेहंदी लगाकर अपने हक की आवाज उठाने की कोशिश की है. महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी से किसान एकता और इंकलाब के नारे लिखे हैं.