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गाजियाबाद: हॉटस्पॉट एरिया में बिना पीपीई किट के सफाई कर्मचारी कर रहे हैं काम

उत्तर प्रदेश में पीपीई किट को लेकर विपक्षी दल ने सवाल उठाए हैं, वहीं गाजियाबाद में सफाई कर्मचारियों ने भी पीपीई किट को लेकर तो सवाल उठाए हैं. सफाई कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनको संक्रमण हुआ, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.

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Published : Apr 28, 2020, 3:17 PM IST

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गाजियाबाद: एक तरफ जहां कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं. वहीं गाजियाबाद में सफाई कर्मचारियों को अब तक पीपीई किट तक मुहैया नहीं कराई गई है, जिसकी वजह से सफाई कर्मचारी काफी डरे हुए हैं. सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वे मोहन नगर के हॉटस्पॉट एरिया में सफाई करते हैं, लेकिन उनके पास PPE किट नहीं है.

महकमे को देनी चाहिए किट

सफाई कर्मचारियों का कहना है कि महकमे को सोचना चाहिए कि उन्हें PPE किट मुहैया कराई जानी चाहिए. नगर निगम के गार्ड से लेकर ड्राइवर तक ने अपनी दास्तान बताई. उन्होंने बताया कि बिना पीपीई किट काफी डर लगता है, क्योंकि रोजाना 500 से ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं.

सेंकी जा रही राजनीतिक रोटियां

उन्होंने कहा कि पीपीई किट पर यूपी में राजनीतिक रोटियां भी सेकी जा रही हैं. एक तरफ जहां विपक्षी दल ने पीपीई किट की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए हैं, तो हम सवाल उठा रहे हैं कि सभी को पीपीई किट क्यों मुहैया नहीं कराई जाती है? जब हॉटस्पॉट एरिया में काम करने वाले कर्मचारियों के पास भी पीपीई किट नहीं होगी, तो बाकी कर्मचारियों का हाल आप समझ सकते हैं. अगर सफाई कर्मचारियोंइ को संक्रमण हुआ, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. अगर सरकार सभी को संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी ले रही है, तो फिर अपने ही कर्मचारियों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है.

गाजियाबाद: एक तरफ जहां कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं. वहीं गाजियाबाद में सफाई कर्मचारियों को अब तक पीपीई किट तक मुहैया नहीं कराई गई है, जिसकी वजह से सफाई कर्मचारी काफी डरे हुए हैं. सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वे मोहन नगर के हॉटस्पॉट एरिया में सफाई करते हैं, लेकिन उनके पास PPE किट नहीं है.

महकमे को देनी चाहिए किट

सफाई कर्मचारियों का कहना है कि महकमे को सोचना चाहिए कि उन्हें PPE किट मुहैया कराई जानी चाहिए. नगर निगम के गार्ड से लेकर ड्राइवर तक ने अपनी दास्तान बताई. उन्होंने बताया कि बिना पीपीई किट काफी डर लगता है, क्योंकि रोजाना 500 से ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं.

सेंकी जा रही राजनीतिक रोटियां

उन्होंने कहा कि पीपीई किट पर यूपी में राजनीतिक रोटियां भी सेकी जा रही हैं. एक तरफ जहां विपक्षी दल ने पीपीई किट की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए हैं, तो हम सवाल उठा रहे हैं कि सभी को पीपीई किट क्यों मुहैया नहीं कराई जाती है? जब हॉटस्पॉट एरिया में काम करने वाले कर्मचारियों के पास भी पीपीई किट नहीं होगी, तो बाकी कर्मचारियों का हाल आप समझ सकते हैं. अगर सफाई कर्मचारियोंइ को संक्रमण हुआ, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. अगर सरकार सभी को संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी ले रही है, तो फिर अपने ही कर्मचारियों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है.

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