गाजियाबाद: गाजियाबाद एसएसपी ने लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी विश्वजीत सिंह और कॉन्स्टेबल कुलदीप यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. प्रेस रिलीज जारी करके अधिकारियों ने ये जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी के निर्देशन में अवैध हथियार रखने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसे रिश्वत लेकर छोड़ दिया गया था. मामले में एसएसपी को शिकायत मिली, जिसके बाद शुरुआती जांच के बाद थाना प्रभारी और कॉन्स्टेबल को भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर कार्रवाई की गई है.
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'पुलिस की छवि हुई धूमिल'
जानकारी मिली है कि करीब डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेकर आरोपी को थाने से ही छोड़ दिया गया था, जिस आरोपी को थाने से छोड़ा गया उसका अवैध हथियार के साथ फोटो भी वायरल हुआ था. जाहिर है रिश्वत का यह मामला सामने आने के बाद, एक बार फिर पुलिस की छवि पर बट्टा लगा है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में आगे की जांच-पड़ताल की जा रही है. इस मामले में विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं. दोषी पाए जाने पर थाना प्रभारी और कॉन्स्टेबल पर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी.
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'भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस'
गाजियाबाद एसएसपी आईपीएस अमित पाठक ने यह बात साफ कर दी है कि भ्रष्टाचार को महकमे में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर, किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ इस तरह की शिकायत मिली, तो तुरंत एक्शन लिया जाएगा. इस कार्रवाई से वो एक्शन पूरी तरह से साफ है. यह कार्रवाई एक उदाहरण है, उन लोगों के लिए, जो भ्रष्टाचार में लिप्त होते समय यह भूल जाते हैं कि वो खाकी की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं.
पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए श्रीमान पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद द्वारा विश्वजीत सिंह, प्रभारी निरीक्षक थाना लोनी बॉर्डर व आरक्षी 1245 कुलदीप यादव थाना लोनी बॉर्डर को कार्य एवं आचरण में अनियमितता व संदिग्धता के आधार पर निलंबित किया गया है.