गाजियाबाद: महानगर के प्रमुख बाजारों में प्रशासन की ओर से छापेमारी कर सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है. दुकानदारों का आरोप है कि उन्हें सीलिंग से पहले न तो किसी तरह का नोटिस दिया जाता है और न ही उन्हें बताया जाता है, कि आखिरकार किस कारणवश उनकी दुकानों को सील किया जा रहा है. इस तरह की सीलिंग से व्यापारी काफी नाराज हैं.
गाजियाबाद में बढ़ता जा रहा है प्रदूषण
लगातार जिस तरह दिल्ली-एनसीआर सहित गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. उसी के मद्देनजर दिल्ली एनसीआर सहित गाजियाबाद में ग्रेप सिस्टम भी लागू कर दिया गया था और डीजल से चलने वाले तमाम जैंसेट को पूर्ण रुप से बंद कर दिया गया.
छोटे दुकान-फैक्ट्रियों पर सीलिंग
वहीं दूसरी ओर लकड़ी और कोयले से चलने वाले तंदूरों पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया. बावजूद इसके प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में प्रशासन प्रदूषण फैला रही छोटी और बड़ी दुकानें-फैक्ट्रियों पर सीलिंग की कार्रवाई कर रहा है. ऐसे में उन छोटे दुकानदारों की दुकान-फैक्ट्रियों को सील किया जा रहा है.
सीलिंग के खिलाफ जिले में विरोध प्रदर्शन
शनिवार को शास्त्री नगर व्यापार मंडल के तमाम व्यापारी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर सीलिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
डीएम के सामने व्यापारियों ने रखी ये मांगे-
-- दुकानदारों को सीलिंग से पहले नोटिस दिया जाए, ताकि दुकानदारों को अपने प्रबंध का समय मिल सकें.
-- प्रदूषण के मानकों को दुकानदारों को ट्रेनिंग देकर बताया जाए.
-- कुछ दुकानदार ऐसे भी हैं जो कि प्रदूषण नहीं कर रहे हैं उन्हें भी सील किया जा रहा है, ऐसे दुकानदारों की दुकान सील न की जाए.
'जीवनयापन हो जाएगा मुश्किल'
चाहे दुकानदार बड़ा हो या छोटा तमाम व्यापारियों-दुकानदारों के व्यापारिक और घरेलू खर्चे होते हैं. एकाएक होने वाली सीलिंग से उन दोनों पर भी रोक लग जाएगी और उनके लिए जीवनयापन करना मुश्किल हो जाएगा.