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गाजियाबाद जिला मुख्यालय परिसर में कूड़े के ढेर में मिली इस्तेमाल PPE किट

कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम को लेकर गाजियाबाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग तमाम दावे तो करता है, लेकिन जिला मुख्यालय परिसर में ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के दावे फेल होते नजर आते हैं.

कूड़े के ढेर में मिली इस्तेमाल PPE किट
कूड़े के ढेर में मिली इस्तेमाल PPE किट
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Published : Nov 25, 2020, 1:54 PM IST

गाजियाबाद: राजधानी से सटे कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम को लेकर गाजियाबाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग तमाम दावे तो करता है, लेकिन जिला मुख्यालय परिसर में ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के दावे फेल होते नजर आते हैं. स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की एक बड़ी लापरवाही जिला मुख्यालय परिसर में देखने को मिली है.

रैपिड एंटीजन टेस्ट किट का इस्तेमाल कोरोना कि जांच के लिए किया जाता है. आमतौर पर स्वास्थ्य विभाग इन टेस्ट किट का इस्तेमाल करता है. इनका निस्तारण बायो-मेडिकल वेस्ट की तरह किया जाता है. लेकिन गाजियाबाद के जिला मुख्यालय में खुले में रैपिड टेस्ट किट पड़ी मिली.

जिला मुख्यालय परिसर में इस्तेमाल किये हुए रैपिड एंटीजन टेस्ट, किट, पीपीई किट, ग्लब्स कूड़े के ढेर में पड़े दिखाई दिए है. ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, जिसमें स्वास्थ विभाग की बड़े स्तर पर लापरवाही देखने को मिली है. जिले के मसूरी इलाके और जिला एमएमजी अस्पताल में इससे पहले खुले में पीपीई किट देखने को मिली थी, जिसके बाद सीएमओ ने जांच की बात कही थी.

गाजियाबाद: राजधानी से सटे कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम को लेकर गाजियाबाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग तमाम दावे तो करता है, लेकिन जिला मुख्यालय परिसर में ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के दावे फेल होते नजर आते हैं. स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की एक बड़ी लापरवाही जिला मुख्यालय परिसर में देखने को मिली है.

रैपिड एंटीजन टेस्ट किट का इस्तेमाल कोरोना कि जांच के लिए किया जाता है. आमतौर पर स्वास्थ्य विभाग इन टेस्ट किट का इस्तेमाल करता है. इनका निस्तारण बायो-मेडिकल वेस्ट की तरह किया जाता है. लेकिन गाजियाबाद के जिला मुख्यालय में खुले में रैपिड टेस्ट किट पड़ी मिली.

जिला मुख्यालय परिसर में इस्तेमाल किये हुए रैपिड एंटीजन टेस्ट, किट, पीपीई किट, ग्लब्स कूड़े के ढेर में पड़े दिखाई दिए है. ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, जिसमें स्वास्थ विभाग की बड़े स्तर पर लापरवाही देखने को मिली है. जिले के मसूरी इलाके और जिला एमएमजी अस्पताल में इससे पहले खुले में पीपीई किट देखने को मिली थी, जिसके बाद सीएमओ ने जांच की बात कही थी.

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