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ओडीएफ की कुछ और ही कहानी बयां कर रहा मोदीनगर

यूपी के गाजियाबाद में स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देशभर में तीसरे स्थान चल रहे मोदीनगर की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इस बारे में अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने अपनी राय रखी.

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खुले में शौचमुक्त की कुछ और ही कहानी बयां कर रहा मोदीनगर.
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Published : Jan 25, 2020, 1:16 PM IST

गाजियाबाद/लखनऊ: स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देशभर में तीसरे स्थान चल रहे मोदीनगर की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. दो साल पहले खुले में शौचमुक्त में बेहतरीन रैंकिंग पाने वाले मोदीनगर की लगभग दर्जनभर कालोनियों में सेफ्टी टैंक और सीवरेज लाइन न होने के कारण शौचालयों का मल सीधा गली मोहल्लों की नालियों में जा रहा है.

खुले में शौचमुक्त की कुछ और ही कहानी बयां कर रहा मोदीनगर.

बता दें कि ओडीएफ (Open defecation free) प्लस घोषणा के समय कुछ जागरूक संगठनों ने इसका विरोध भी किया था, लेकिन अधिकारियों ने अपना दावा पूरा करने के लिए उनकी शिकायतों का नजरअंदाज कर दिया था.

इसे भी पढ़ें- गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस की धूम, कई गणमान्यों ने की शिरकत

वहीं, अब मोदीनगर नगर पालिका को देश में नंबर वन बनाने के लिए ऑन लाइन वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की जा रही है. जिसकी अंतिम तिथि 30 जनवरी है. पर मामला उजागर होने के बाद अधिकारी भी सही से जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

गाजियाबाद/लखनऊ: स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देशभर में तीसरे स्थान चल रहे मोदीनगर की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. दो साल पहले खुले में शौचमुक्त में बेहतरीन रैंकिंग पाने वाले मोदीनगर की लगभग दर्जनभर कालोनियों में सेफ्टी टैंक और सीवरेज लाइन न होने के कारण शौचालयों का मल सीधा गली मोहल्लों की नालियों में जा रहा है.

खुले में शौचमुक्त की कुछ और ही कहानी बयां कर रहा मोदीनगर.

बता दें कि ओडीएफ (Open defecation free) प्लस घोषणा के समय कुछ जागरूक संगठनों ने इसका विरोध भी किया था, लेकिन अधिकारियों ने अपना दावा पूरा करने के लिए उनकी शिकायतों का नजरअंदाज कर दिया था.

इसे भी पढ़ें- गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस की धूम, कई गणमान्यों ने की शिरकत

वहीं, अब मोदीनगर नगर पालिका को देश में नंबर वन बनाने के लिए ऑन लाइन वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की जा रही है. जिसकी अंतिम तिथि 30 जनवरी है. पर मामला उजागर होने के बाद अधिकारी भी सही से जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

Intro:






कागजों में ओडीएफ प्लस मोदीनगर, हकीकत में बहता है नाले में मल
-स्वच्छता सर्वेक्षंण 2020 की रैंकिंग में देश में तीसरे नम्बर पर चल
रहा है मोदीनगर
-प्रथम स्थान पर लाने के लिए जनता से कराई जा रही है ऑनलाइन वोटिंग
-इन कॉलोनियों में बहता है खुले में मल






ऐंकर लिंक - स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देशभर में तीसरे स्थान चल रहे

ओडीएफ प्लस मोदीनगर की जमीनी हकीकत चौकाने वाली है। दो साल पहले खुले में
शौचमुक्त प्लस रैंकिंग पाने वाले मोदीनगर की लगभग दर्जनभर कालोनियों में
सेफ्टी टैंक और सीवरेज लाइन न होने के कारण शौचालयों का मल सीधा गली
मौहल्लों की नालियों में गिरता है। ओडीएफ प्लस घोषणा के समय कुछ जागरूक
संगठनों ने इसका विरोध भी किया था लेकिन अधिकारियों ने अपना दावा पूरा
करने के लिए उनकी शिकायतों का नजरअंदाज कर दिया था।
Body:नगरपालिका का हवा हवाई स्वच्छता सर्वेक्षंण 2020











ऐंकर लिंक - स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देशभर में तीसरे स्थान चल अब मोदीनगर पालिका को
देश में नम्बर वन बनाने के लिए ऑन लाइन वोटिंग में बढचढकर हिस्सा लेने की
अपील की जा रही है। जिसकी अंतिम तिथि 30 जनवरी है। मामला उजागर होने के
बाद अधिकारियों को जबाव देते नही बन रहा है।




VO- स्वच्छता अभियान की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले

कार्यालय से शुरू कर दी थी। भारत को स्वच्छ बनाने के लिए देशभर में
विभिन्न कार्यक्रम चलाए गए। जिसमें सरकारी विभागों के अलावा निजी
संस्थाओं ने भी खूब बढचढ कर भाग लिया। तमाम कवायद तथा प्रयासों का रंग
दिखा और लोगों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता पैदा हुई। इस योजना में
सरकार ने सबसे बडी पहल खुले में शौचमुक्त करने के लिए की। जिसमें ग्राम
पंचायत से लेकर सभी नगर निकाय अपने अपने क्षेत्रों को खुले में शौचमुक्त
बनाने में जी जान से जुटे और इसके लिए व्यापक अभियान भी चलाए गए। अथक
प्रयासों के बाद कुछ ग्राम पंचायत और नगर निकायों ने अपने को खुले में
शौच मुक्त होने का दावा किया जिन्हे सरकार ने अपने स्तर से परखने के बाद
ओडीएफ की कई श्रेणीयों का दर्जा दे दिया। जिसमें मोदीनगर पालिका ने भी
खुले में शौचमुक्त का दावा करते हुए खुद को ओडीएफ प्लस घोषित करा लिया।
जो बाद में जमीनी सच्चाई सामने आने पर मात्र कागजी साबित होता दिखा। नगर
की लगभग दर्जनभर कॉलोनियों में सेफ्टी टैंक और सीवरेज पाइप लाइन नही होने
के कारण उनके शौचालयों का मल सीधे खुली नालियों में गिरता है। खुले में
गंदगी रहने के कारण लोगों का दुर्गंध के चलते जीना बेहाल रहता है।






ऐंकर लिंक -मोदीनगर के गोविन्दपुरी स्थित डबलस्टोरी और सुचेतापुरी

कॉलोनियों का निर्माण पचास के दशक में हुआ था। दोनों कॉलोनियों के
शौचालयों के मल के लिए अलग अगल स्थानों पर एसटीपी लगी हुई थी। रखरखाव के
अभाव में गटर चौक होने लगे जिसके बाद नब्बे के दशक तक एसटीपी पूरी तरह
बंद हो गई और कॉलोनीवासियों ने अपने अपने शौचालयों के मल की निकासी खुली
नालियों में कर दी। इन कॉलोनियों में लगभग शतप्रतिशत घरों का मल खुली
नालियों में ही बहता है। इसके अलावा हरमुखपुरी,देवेन्द्रपुरी,दिलीप
पार्क,उमेश पार्क,सीकरी मार्ग स्थित सी-लाइन और डी-लाइन में भी कमोबेश यह
हाल है। इन कालोनियों में कुछ घरों को छोडकर बाकी घरों के शौचालयों का मल
खुली नालियों में ही बहता है।





बाइट - उपजिलाधिकारी सोम्या पाण्डे मोदीनगर


बाइट - संजीव चिकारा कॉलोनी वासी

बाइट - धमेंद्र शर्मा कॉलोनी

Conclusion:नगरपालिका का हवा हवाई स्वच्छता सर्वेक्षंण 2020






कागजों में ओडीएफ प्लस मोदीनगर, हकीकत में बहता है नाले में मल
-स्वच्छता सर्वेक्षंण 2020 की रैंकिंग में देश में तीसरे नम्बर पर चल
रहा है मोदीनगर
-प्रथम स्थान पर लाने के लिए जनता से कराई जा रही है ऑनलाइन वोटिंग
-इन कॉलोनियों में बहता है खुले में मल






ऐंकर लिंक - स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देशभर में तीसरे स्थान चल रहे

ओडीएफ प्लस मोदीनगर की जमीनी हकीकत चौकाने वाली है। दो साल पहले खुले में
शौचमुक्त प्लस रैंकिंग पाने वाले मोदीनगर की लगभग दवरेज लाइन न होने के कारण शौचालयों का मल सीधा ग
शौच मुक्त होने का दावा किया जिन्हे सरकार ने अपने स्तर से परखने के बाद
ओडीएफ की कई श्रेणीयों का दर्जा दे दिया। जिसमें मोदीनगर पालिका ने भी
खुले में शौचमुक्त का दावा करते हुए खुद को ओडीएफ प्लस घोषित करा लिया।
जो बाद में जमीनी सच्चाई सामने आने पर मात्र कागजी साबित होता दिखा। नगर
की लगभग दर्जनभर कॉलोनियों में सेफ्टी टैंक और सीवरेज पाइप लाइन नही होने
के कारण उनके शौचालयों का मल सीधे खुली नालियों में गिरता है। खुले में
गंदगी रहने के कारण लोगों का दुर्गंध के चलते जीना बेहाल रहता है।






ऐंकर लिंक -मोदीनगर के गोविन्दपुरी स्थित डबलस्टोरी और सुचेतापुरी

कॉलोनियों का निर्माण पचास के दशक में हुआ था। दोनों कॉलोनियों के
शौचालयों के मल के लिए अलग अगल स्थानों पर एसटीपी लगी हुई थी। रखरखाव के
अभाव में गटर चौक होने लगे जिसके बाद नब्बे के दशक तक एसटीपी पूरी तरह
बंद हो गई और कॉलोनीवासियों ने अपने अपने शौचालयों के मल की निकासी खुली
नालियों में कर दी। इन कॉलोनियों में लगभग शतप्रतिशत घरों का मल खुली
नालियों में ही बहता है। इसके अलावा हरमुखपुरी,देवेन्द्रपुरी,दिलीप
पार्क,उमेश पार्क,सीकरी मार्ग स्थित सी-लाइन और डी-लाइन में भी कमोबेश यह
हाल है। इन कालोनियों में कुछ घरों को छोडकर बाकी घरों के शौचालयों का मल
खुली नालियों में ही बहता है।





बाइट - उपजिलाधिकारी सोम्या पाण्डे मोदीनगर


बाइट - संजीव चिकारा कॉलोनी वासी

बाइट - धमेंद्र शर्मा कॉलोनी वासी

बाइट - रूपचंद शर्मा कॉलोनी वासी





विजुअल- बीस साल पहले से ठप पड़ा सीवर प्लांट

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