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कैमरों की निगरानी के बीच गाजियाबाद में वोटिंग जारी, 173 मतदान केंद्रों पर पैनी नजर

गाजियाबाद एसएसपी का कहना है कि संवेदनशील बूथों पर अलग से निगरानी रखी जा रही है. वहां डिजिटल कैमरे भी लगाए गए हैं. इसके अलावा मतदान केंद्र पर जितने भी बूथ हैं उनमें अतिरिक्त पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं.

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Published : Apr 11, 2019, 12:14 PM IST

गाजियाबाद में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू हो गया है. ऐसे में मतदान को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने के लिए प्रशासन ने भी पूरी तरह से तैयार है. मतदान केंद्रों और बूथों पर जिला प्रशासन पूरी तरह से सख्ती बरते हुए है.

'डिजिटल कैमरों से निगरानी'
गाजियाबाद एसएसपी का कहना है कि संवेदनशील बूथों पर अलग से निगरानी रखी जा रही है और वहां डिजिटल कैमरे भी लगाए गए हैं. इसके अलावा मतदान केंद्र पर जितने भी बूथ हैं उनमें अतिरिक्त पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे.

गाजियाबाद में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद.

'173 मतदान केंद्र पर माइक्रो ऑब्जर्बर'
गाजियाबाद में 173 मतदान केंद्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चिन्हित किया गया है. इनमें पांचों विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में 19 मतदान केंद्र और 63 पोलिंग बूथ संवेदनशील हैं.

लोनी में 19 मतदान केंद्र और 49 पोलिंग बूथ, मुरादनगर में 20 मतदान केंद्र और 47 पोलिंग बूथ, गाजियाबाद शहरी क्षेत्र में 19 मतदान केंद्र और 49 पोलिंग बूथ, मोदीनगर में 23 मतदान केंद्र और 23 पोलिंग बूथ और धौलाना जो कि आंशिक लोकसभा क्षेत्र में है. उसमें 14 मतदान केंद्र और 19 पोलिंग बूथ संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केटेगरी में रखे गए हैं.

एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर निगरानी के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर को जिम्मेदारी दी गई है. ऐेसे में पोलिंग बूथों पर पैरामिलिट्री के अलावा अतिरिक्त पुलिस कर्मी हर पोलिंग बूथ पर तैनात कर दिया गया है.

'तैयारियां पूरी'
माना जा रहा है कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर गड़बड़ी हो सकती है. ऐसे ज्यादातर बूथ और मतदान केंद्र ऐसे इलाकों में है जहां पर जातीय समीकरण काम करता है. इसी तरह का एक पोलिंग बूथ पप्पू कॉलोनी का भी है.

यहां बीजेपी पार्षद का कहना है कि जब सपा और बसपा की सरकार रही थी तब इन पोलिंग बूथ पर काफी ज्यादा गड़बड़ सामने आई थी. हालांकि अब दावा किया जा रहा है कि इस बार कोई गड़बड़ सामने नहीं आएगी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू हो गया है. ऐसे में मतदान को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने के लिए प्रशासन ने भी पूरी तरह से तैयार है. मतदान केंद्रों और बूथों पर जिला प्रशासन पूरी तरह से सख्ती बरते हुए है.

'डिजिटल कैमरों से निगरानी'
गाजियाबाद एसएसपी का कहना है कि संवेदनशील बूथों पर अलग से निगरानी रखी जा रही है और वहां डिजिटल कैमरे भी लगाए गए हैं. इसके अलावा मतदान केंद्र पर जितने भी बूथ हैं उनमें अतिरिक्त पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे.

गाजियाबाद में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद.

'173 मतदान केंद्र पर माइक्रो ऑब्जर्बर'
गाजियाबाद में 173 मतदान केंद्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चिन्हित किया गया है. इनमें पांचों विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में 19 मतदान केंद्र और 63 पोलिंग बूथ संवेदनशील हैं.

लोनी में 19 मतदान केंद्र और 49 पोलिंग बूथ, मुरादनगर में 20 मतदान केंद्र और 47 पोलिंग बूथ, गाजियाबाद शहरी क्षेत्र में 19 मतदान केंद्र और 49 पोलिंग बूथ, मोदीनगर में 23 मतदान केंद्र और 23 पोलिंग बूथ और धौलाना जो कि आंशिक लोकसभा क्षेत्र में है. उसमें 14 मतदान केंद्र और 19 पोलिंग बूथ संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केटेगरी में रखे गए हैं.

एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर निगरानी के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर को जिम्मेदारी दी गई है. ऐेसे में पोलिंग बूथों पर पैरामिलिट्री के अलावा अतिरिक्त पुलिस कर्मी हर पोलिंग बूथ पर तैनात कर दिया गया है.

'तैयारियां पूरी'
माना जा रहा है कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर गड़बड़ी हो सकती है. ऐसे ज्यादातर बूथ और मतदान केंद्र ऐसे इलाकों में है जहां पर जातीय समीकरण काम करता है. इसी तरह का एक पोलिंग बूथ पप्पू कॉलोनी का भी है.

यहां बीजेपी पार्षद का कहना है कि जब सपा और बसपा की सरकार रही थी तब इन पोलिंग बूथ पर काफी ज्यादा गड़बड़ सामने आई थी. हालांकि अब दावा किया जा रहा है कि इस बार कोई गड़बड़ सामने नहीं आएगी.

Intro:गाजियाबाद। चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र और बूथ हैं। जिनको लेकर प्रशासन काफी ज्यादा सख्त नजर आ रहा है। गाजियाबाद में एसएसपी का कहना है कि संवेदनशील बूथों पर अलग से निगरानी रखी जा रही है।और वहां पर डिजिटल कैमरे भी लगाए जाएंगे। इसके अलावा मतदान केंद्र पर जितने भी बूथ हैं उनमें अतिरिक्त दरोगा तैनात रहेंगे।


Body:चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए जिला प्रशासन इस बार काफी ज्यादा सख्त है। गड़बड़ी करके वोटरों को प्रभावित किया जा सकता है। इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है। और यह सब संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर हो सकता है। जिस की सूची काफी ज्यादा बड़ी है।गाजियाबाद में 173 मतदान केंद्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चिन्हित किया गया है।इनमें पांचों विधानसभाओं के हिसाब से बात करें तो साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में 19 मतदान केंद्र और 63 पोलिंग बूथ संवेदनशील है।लोनी में 19 मतदान केंद्र और 49 पोलिंग बूथ, मुरादनगर में 20 मतदान केंद्र और 47 पोलिंग बूथ,गाजियाबाद शहरी क्षेत्र में 19 मतदान केंद्र और 49 पोलिंग बूथ, मोदीनगर में 23 मतदान केंद्र और 23 पोलिंग बूथ, और धौलाना जो की आंशिक लोकसभा क्षेत्र में है। उसमें 14 मतदान केंद्र और 19 पोलिंग बूथ संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केटेगरी में रखे गए हैं। इन पर निगरानी के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर को जिम्मेदारी दी गई है। गाजियाबाद एसएसपी का कहना है कि पोलिंग बूथों पर पैरामिलिट्री के अलावा अतिरिक्त दरोगा हर पोलिंग बूथ पर तैनात कर दिया गया है। हमने शाम के समय कुछ पोलिंग बूथ पर जाकर देखा तो वहां पर ज्यादा पुलिस फोर्स तैनात नजर आई है।


Conclusion:माना जा रहा है कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर गड़बड़ी हो सकती है।ज्यादातर यह बूथ और मतदान केंद्र ऐसे इलाकों में है जहां पर जातीय समीकरण काम करता है।इसी तरह का एक पोलिंग बूथ पप्पू कॉलोनी का भी है। यहां पर बीजेपी के पार्षद का कहना है कि जब सपा और बसपा की सरकार रही थी तब इन पोलिंग बूथ पर काफी ज्यादा गड़बड़ सामने आई थी। हालांकि अब दावा ज़रूर किया जा रहा है कि फिलहाल सब कुछ ठीक कर लिया गया है। लेकिन प्रशासन के लिए ऐसे मतदान केंद्र और बहुत बड़ी चुनौती है।


बाइट पार्षद
बाइट उपेंद्र अग्रवाल एस एस पी
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