गाजियाबाद: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे. उन्होंने उत्तराखंड की त्रासदी पर कहा कि जिन लोगों के फंसे होने की आशंका है, हम प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जल्द रेस्क्यू कर लिया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि प्राकृतिक त्रासदियां आती है, लेकिन आप उसका मुकाबला करने के लिए क्या कर रहे हैं, ये आप की पहचान होती है.
'2013 त्रासदी में उभर कर सामने आया उत्तराखंड'
उत्तराखंड में साल 2013 की त्रासदी का हमने मुकाबला किया था और फिर से एक नया उत्तराखंड उभर कर सामने आया था. उन्होंने कहा कि त्रासदी से उत्पन्न सवालों का उत्तर खोजा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में हुई त्रासदी व्यापक स्तर पर आई थी. हरीश रावत यहां उत्तराखंड देवभूमि से मिट्टी जल और पौधा लेकर पहुंचे थे.
'त्रासदी पर बनी हुई है नजर'
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड त्रासदी पर उनकी नजर लगातार बनी हुई है. इस विषय में वह पल पल के अपडेट ले रहे हैं, और अपने सजेशन भी सरकार को देंगे।क्योंकि एक बड़ी व्यापक त्रासदी से उत्तराखंड को उभारने में पूर्व में उनकी सरकार का बड़ा योगदान रहा.
'कांटे बिछाने वालों को फूलों से देंगे जवाब'
हरीश रावत ने कहा कि कांटे बिछाने वालों को फूलों से जवाब देंगे।किसानों के बीच समर्थन देने जो भी आ रहा है, वह फूल लेकर आ रहा है. क्योंकि दूसरी तरफ से उनके लिए कांटे बिछाए जा रहे हैं. देवभूमि की मिट्टी और पवित्र जल के अलावा पौधा इसी कामना के साथ लेकर आए हैं कि किसानों की विजय हो.