गाजियाबाद: जिले के राजनगर एक्सटेंशन से किराना कारोबारी पराग घोष 27 अक्टूबर को संदिग्ध हालत में लापता हो गए. सिहानी गेट थाने में परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है. इसके बाद पुलिस ने कारोबारी की तलाश शुरू कर दी है. बता दें कि राजनगर एक्सटेंशन से ही जून महीने से कारोबारी विक्रम त्यागी भी लापता हैं, जिनका अब तक पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई है. सवाल उठ रहा है कि एक के बाद एक लापता होने वाले दोनों कारोबारी कहां चले गए हैं. वहीं परिवार ने अपहरण की आशंका भी जताई है.
आखिरी बार एटीएम पर देखे गए पराग
पुलिस के मुताबिक, कुछ सीसीटीवी खंगालने पर पता चला है कि आखिरी बार पराग को एक एटीएम से रुपये निकालते हुए देखा गया था, लेकिन उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला है. हालांकि इसमें भी कई तरह की आशंका जताई जा रही है. क्या पराग ने अपनी मर्जी से एटीएम से रुपये निकाले थे या फिर उनके ऊपर कोई दबाव था? पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी पहलुओं पर मामले की जांच की जा रही है. पुलिस अपहरण की आशंका से भी इनकार नहीं कर रही है.
परिवार का रंजिश और विवाद से इनकार
मामले में परिवार से पुलिस ने बात की है. परिवार का कहना है कि पराग की किसी से कोई दुश्मनी रंजिश नहीं थी, किसी तरह का कोई विवाद भी नहीं हुआ था. अचानक पराग कहां चले गए, यह किसी को नहीं पता. परिवार इस बात से भी डरा हुआ है कि जून महीने से लापता राज नगर एक्सटेंशन में रहने वाले कारोबारी विक्रम त्यागी का भी कोई सुराग नहीं लग पाया है. ऐसे में क्या पराग घोष की गुमशुदगी की गुत्थी पुलिस सुलझा पाएगी या नहीं, यह वक्त बताएगा.