गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में डीएम के दफ्तर के बाहर उत्तर प्रदेश राजस्व महासंघ ने धरना-प्रदर्शन कर दिया. ये धरना-प्रदर्शन राजस्व विभाग में चकबंदी विभाग के विलय और कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति के खिलाफ किया गया. राजस्व महासंघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की अपील पर गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर एक दिन का धरना-प्रदर्शन किया गया.
'कर्मचारी नहीं चाहते कि विलय हो'
गाजियाबाद सदर तहसील के तहसीलदार प्रवर्धन शर्मा ने बताया कि प्रदर्शन का मकसद चकबंदी विभाग का राजस्व विभाग में विलय का विरोध करना है. राजस्व विभाग के कर्मचारी बिल्कुल नहीं चाहते कि चकबंदी विभाग का विलय राजस्व विभाग में किया जाए.
'विभाग का काम और कर्मचारियों के प्रमोशन प्रभावित'
प्रवर्धन शर्मा ने कहा कि चकबंदी विभाग की छवि गांव में काफी धूमिल है, जबकि राजस्व विभाग की छवि बहुत साफ है. चकबंदी विभाग का राजस्व विभाग में विलय होने से राजस्व विभाग का कामकाज और राजस्व विभाग के कर्मचारियों के प्रमोशन प्रभावित होंगे.
राजस्व महासंघ की प्रमुख मांगे निम्न है:-
1. चकबंदी विलय और प्रतिनियुक्ति का विरोध
- कुछ तहसीलें राजस्व परिषद के अधीन हैं. उनमें विभिन्न पदों पर चकबंदी विभाग के कर्मचारी काम करते हैं. उनका किसी भी रूप में विलय और प्रतिनियुक्ति का विरोध करना पहली प्राथमिकता है.
2. नहीं मिल रहा प्रमोशन
- राजस्व निरीक्षक के लगभग 1000, नायब तहसीलदार के लगभग 650, सहायक भू-लेखा अधिकारी के 68 पद खाली हैं, जबकि योग्य कर्मचारी उपलब्ध हैं. कुछ लेखपाल 35 से 40 वर्ष तक की सर्विस कर चुके हैं. फिर भी उन्हें प्रमोशन नहीं मिल रहा है. इसलिए सभी खाली ओहदों पर फौरन डीपीसी कराई जाए.
प्रदर्शन में ये अधिकारी रहे मौजूद
धरना-प्रदर्शन में महासंघ के सहयोगी संगठन और राजस्व प्रशासनिक अधिकारी संघ से प्रवर्धन शर्मा, राजस्व निरीक्षण संघ से उत्तम प्रकाश शर्मा, लेखपाल संघ से सिद्धार्थ कौशिक, राजस्व संग्रह अमीन संघ से जितेंद्र कुमार, कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल संघ से संत कुमार गोला और सहयोगी संगठन के अधिकारी मौजूद रहे.