गाजियाबाद: जिला पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती और रेलवे क्लर्क भर्ती परीक्षा में असली परीक्षार्थियों की जगह फर्जी परीक्षार्थी को बैठा दिया करता था. इस गैंग का नाम पेपर सॉल्वर गैंग है. मामले में शहर कोतवाली ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस के मुताबिक, ये गैंग गांव देहात में रहने वाले उन युवाओं को टारगेट करता था, जो सरकारी नौकरी के एग्जाम की तैयारी कर रहे होते थे. उनसे रुपये ऐंठकर उनकी जगह अपने सॉल्वर को परीक्षा में बैठा दिया करता था. इसके लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए जाते थे. अब तक ये गैंग सैकड़ों लोगों से इसी तरह रुपये ऐंठ चुका था.
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इस गैंग के पास से कुछ फर्जी मार्कशीट भी बरामद की गई हैं. पता चला है कि कई विद्यार्थियों को फर्जी मार्कशीट देकर उनसे ठगी का काम भी इस गैंग ने किया था. पुलिस को शक है कि इस गैंग के साथ संबंधित विभागों के कुछ बड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं. जिनके बारे में जांच-पड़ताल की जा रही है. कई पेपर लीक मामले में भी पुलिस इनकी भूमिका खंगाल रही है.
कौन है वह मुन्ना भाई एमबीबीएस सरगना
बताया जा रहा है कि पकड़े गए गैंग का सरगना राज नारायण उर्फ जूली है. यही पूरे गोरखधंधे को अंजाम देता था. इसके साथी गांव में युवकों को अपनी ओर आकर्षित करते थे, लेकिन सवाल बड़ा यह है कि क्या इनके द्वारा प्रॉक्सी करके परीक्षा में बैठे किसी व्यक्ति ने दिल्ली पुलिस या रेलवे में नौकरी हासिल की थी? इस सवाल का जवाब जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही जिज्ञासा पूर्ण भी है. हालांकि पुलिस कह रही है कि यह बातें जांच के बाद साफ हो पाएंगी.