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फर्जी आधार कार्ड सेंटर का भंडाफोड़, आरोपी गिरफ्तार

गाजियाबाद में पुलिस (Ghaziabad police News) ने फर्जी आधार कार्ड सेंटर (Fake Aadhar card center) का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक इस गैंग ने सैकड़ों लोगों के आधार कार्ड बना दिए थे. पुलिस को शक है कि कई गलत लोगों के आधार कार्ड भी बनाए जा चुके थे.

आधार कार्ड सेंटर का भंडाफोड़.
आधार कार्ड सेंटर का भंडाफोड़.
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Published : Dec 29, 2021, 7:54 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोनी बॉर्डर थाना पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड सेंटर (Fake Aadhar card center) का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस (Ghaziabad police News) ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनमें से दो गाजियाबाद के रहने वाले हैं, जबकि एक दिल्ली का रहने वाला है. पुलिस ने जांच के दौरान मौके से कई फर्जी आधार कार्ड (Fake Aadhar card) भी बरामद किए हैं. यह गैंग रुपये के लालच में फर्जी एड्रेस पर असली आधार कार्ड बना रहा था. अब तक इस गैंग ने सैकड़ों लोगों के आधार कार्ड बना दिए थे. पुलिस को शक है कि कई गलत लोगों के आधार कार्ड भी बनाए जा चुके थे.

आधार कार्ड सेंटर का भंडाफोड़.


मामला गाजियाबाद में लोनी बॉर्डर इलाके का है. यहां पुलिस ने आसिफ, खालिद और जावेद नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक दिल्ली में एक आधार कार्ड सेंटर (Aadhar card center in delhi) है, जो शहजाद नाम का व्यक्ति चलाता है. पकड़े गए आरोपियों में से जावेद खुद शहजाद का रिश्तेदार है. इसी वजह से जावेद का शहजाद के पास आना जाना था. आधार कार्ड (Aadhar card Portal id) बनाने वालों को जो पोर्टल आईडी जारी होती है, उसको ओपन करने के लिए आंखों के रेटिना को दिखाने और थंब इंप्रेशन की जरूरत होती है.

गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) के अनुसार, जावेद ने शहजाद के साथ रिश्तेदारी का फायदा उठाया और उसकी आंखों के रेटिना की फोटो अपने पास रख ली. इसके अलावा उसके थंब इंप्रेशन की मोहर बनवा ली. इसके चलते वह कहीं भी आधार पोर्टल को खोलने के लिए सक्षम हो गया. इसके बाद उसने अपने दो साथियों को अपने साथ मिलाकर फर्जी आधार कार्ड सेंटर लोनी बॉर्डर इलाके में खोल लिया. जहां पर आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों के फर्जी एड्रेस पर आधार कार्ड बना रहा था.

ये भी पढ़ें : न्यायालय के आदेश पर छह माह बाद कब्र से निकाला गया महिला का शव, जानें क्या है मामला


मामले में एक और चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली के एक विधायक और पार्षद के अलावा कई स्कूलों के प्रधानाचार्य की फर्जी मोहर भी आरोपियों के पास से मिली हैं. इन मोहरों को फर्जी एड्रेस को वेरीफाई करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. इस तरह से किसी भी व्यक्ति का आधार कार्ड बना दिया जाता था. इसकी एवज में कुछ रुपये लिए जाते थे. फिलहाल इन सभी मामलों में पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोनी बॉर्डर थाना पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड सेंटर (Fake Aadhar card center) का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस (Ghaziabad police News) ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनमें से दो गाजियाबाद के रहने वाले हैं, जबकि एक दिल्ली का रहने वाला है. पुलिस ने जांच के दौरान मौके से कई फर्जी आधार कार्ड (Fake Aadhar card) भी बरामद किए हैं. यह गैंग रुपये के लालच में फर्जी एड्रेस पर असली आधार कार्ड बना रहा था. अब तक इस गैंग ने सैकड़ों लोगों के आधार कार्ड बना दिए थे. पुलिस को शक है कि कई गलत लोगों के आधार कार्ड भी बनाए जा चुके थे.

आधार कार्ड सेंटर का भंडाफोड़.


मामला गाजियाबाद में लोनी बॉर्डर इलाके का है. यहां पुलिस ने आसिफ, खालिद और जावेद नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक दिल्ली में एक आधार कार्ड सेंटर (Aadhar card center in delhi) है, जो शहजाद नाम का व्यक्ति चलाता है. पकड़े गए आरोपियों में से जावेद खुद शहजाद का रिश्तेदार है. इसी वजह से जावेद का शहजाद के पास आना जाना था. आधार कार्ड (Aadhar card Portal id) बनाने वालों को जो पोर्टल आईडी जारी होती है, उसको ओपन करने के लिए आंखों के रेटिना को दिखाने और थंब इंप्रेशन की जरूरत होती है.

गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) के अनुसार, जावेद ने शहजाद के साथ रिश्तेदारी का फायदा उठाया और उसकी आंखों के रेटिना की फोटो अपने पास रख ली. इसके अलावा उसके थंब इंप्रेशन की मोहर बनवा ली. इसके चलते वह कहीं भी आधार पोर्टल को खोलने के लिए सक्षम हो गया. इसके बाद उसने अपने दो साथियों को अपने साथ मिलाकर फर्जी आधार कार्ड सेंटर लोनी बॉर्डर इलाके में खोल लिया. जहां पर आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों के फर्जी एड्रेस पर आधार कार्ड बना रहा था.

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मामले में एक और चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली के एक विधायक और पार्षद के अलावा कई स्कूलों के प्रधानाचार्य की फर्जी मोहर भी आरोपियों के पास से मिली हैं. इन मोहरों को फर्जी एड्रेस को वेरीफाई करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. इस तरह से किसी भी व्यक्ति का आधार कार्ड बना दिया जाता था. इसकी एवज में कुछ रुपये लिए जाते थे. फिलहाल इन सभी मामलों में पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

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