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आम की खेती करने वाले किसान बोले, अगर लाॅकडाउन बढ़ा तो हो जाएंगे बर्बाद

गाजियाबाद में किराए पर बाग लेकर आम की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि लाॅकडाउन की वज़ह से आम की खेती पर लगाने के लिए उनको कीटनाशक भी नहीं मिल पा रहा है. अगर जल्दी लाॅकडाउन नहीं खुलता है तो वह आम की खेती में बर्बाद हो जाएंगे.

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Published : Apr 28, 2020, 11:20 AM IST

Farmers who cultivate mango
ईटीवी भारत ने आम की खेती करने वाले किसान से खास बातचीत की

गाजियाबाद: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मोदीनगर क्षेत्र के रसूलपुर धौलड़ी गांव में अधिकतर किसान आम की खेती करते हैं, लेकिन अब लाॅकडाउन के कारण आम की खेती करने वाले किसानों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने आम की खेती करने वाले किसानों से बातचीत की.

नहीं मिल पा रहे कीटनाशक

रसूलपुर धौलड़ी गांव में आम की खेती करने वाले किसान बह्मपाल ने बताया कि उन्होंने किराए पर बाग लेकर आम की खेती की है. वह ब्याज पर पैसे लेकर आम की खेती में लगा रहे हैं. क्योंकि लाॅकडाउन के कारण उन्हें उधार दिए हुए पैसे नहीं मिल पा रहे हैं. इसके साथ ही लाॅकडाउन के कारण आम की खेती पर लगाने वाली कीटनाशक दवाई भी उनको पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है.

किराए पर बाग लेकर कर रहे खेती

किसान ने बताया कि वह आम की खेती करने के लिए बाग के मालिक को पहले ही पैसे दे चुके हैं, लेकिन अगर लाॅकडाउन 3 मई के बाद आगे बढ़ता है, तो बाग के मालिक उनको पैसे वापस नहीं देंगे जिसके चलते किराए पर बाग लेकर आम की खेती करने पर वह बर्बाद हो जायेंगे.

गाजियाबाद: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मोदीनगर क्षेत्र के रसूलपुर धौलड़ी गांव में अधिकतर किसान आम की खेती करते हैं, लेकिन अब लाॅकडाउन के कारण आम की खेती करने वाले किसानों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने आम की खेती करने वाले किसानों से बातचीत की.

नहीं मिल पा रहे कीटनाशक

रसूलपुर धौलड़ी गांव में आम की खेती करने वाले किसान बह्मपाल ने बताया कि उन्होंने किराए पर बाग लेकर आम की खेती की है. वह ब्याज पर पैसे लेकर आम की खेती में लगा रहे हैं. क्योंकि लाॅकडाउन के कारण उन्हें उधार दिए हुए पैसे नहीं मिल पा रहे हैं. इसके साथ ही लाॅकडाउन के कारण आम की खेती पर लगाने वाली कीटनाशक दवाई भी उनको पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है.

किराए पर बाग लेकर कर रहे खेती

किसान ने बताया कि वह आम की खेती करने के लिए बाग के मालिक को पहले ही पैसे दे चुके हैं, लेकिन अगर लाॅकडाउन 3 मई के बाद आगे बढ़ता है, तो बाग के मालिक उनको पैसे वापस नहीं देंगे जिसके चलते किराए पर बाग लेकर आम की खेती करने पर वह बर्बाद हो जायेंगे.

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