गाजियाबाद: 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित मार्च निकालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च निकालने और रोकने को लेकर फैसला पुलिस ले. इसका अधिकार पुलिस के पास है. कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा है कि ट्रैक्टर मार्च के लिए दिल्ली पुलिस जरूरी आदेश जारी करे.
फैसले का किया स्वागत
भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन ने कहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और उनका धन्यवाद करते हैं. दो महीने से देश का किसान गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर शांतिपूर्वक बैठा हुआ है. सरकार द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का प्रयोग किया गया. किसान फिर भी हिंसक नहीं हुआ. 26 जनवरी को भी किसान शांतिपूर्वक ट्रैक्टर मार्च करेगा. आंदोलनकारी किसानों का जो भी कार्यक्रम होगा, वह पूरी तरह से शांतिपूर्वक होगा.
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सरकार को दिखाया आईना
किसान नेता प्रबल प्रताप ने कहा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने सरकार को आईना दिखाया है. बीते डेढ़ महीने से किसान शांतिपूर्वक तरीके से सीमाओं पर बैठा हुआ है. बीती 7 जनवरी को किसानों द्वारा शांतिपूर्वक तरीके से ट्रैक्टर मार्च निकाला गया था. किसान नेता प्रदीप हुड्डा का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. ट्रैक्टर मार्च के लिए व्यवस्था करना पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है. वहीं, पुलिस प्रशासन को डर है कि वह 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर मार्च में व्यवस्था नहीं संभाल पाएगा, तो इसकी जिम्मेदारी किसानों को दे सकता है.