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किसान आंदोलन के चलते NH-9 बंद, जानिए किन परेशानियों से जूझ रहे व्यापारी - किसान आंदोलन

केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी की अन्य सीमाओं पर अन्नदाताओं का आंदोलन जारी है, जिसकी वजह से अब लोगों को समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने निजी होटल के मैनेजर मोहम्मद फिरोज और मोटर साइकिल शोरूम और सर्विस सेंटर के मैनेजर भास्कर से बातचीत की.

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किसान आंदोलन के चलते NH-9 बंद
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Published : Mar 13, 2021, 9:16 PM IST

गाजियाबाद: केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बार्डर समेत राजधानी की अन्य सीमाओं पर अन्नदाताओं का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम में शुरू हुआ यह आंदोलन अब गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है.

ये भी पढ़ें:- दिल्ली से देहरादून आ रही शताब्दी एक्सप्रेस में लगी आग, कोई हताहत नहीं

लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती

26 जनवरी को दिल्ली में हुई ट्रैक्टर हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली पुलिस की तरफ से NH-9 को बैरिकेडिंग कर सील कर दिया. मौजूदा समय में लोगों को दिल्ली से गाजियाबाद आवागमन करने में अन्य मार्गों का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिसमें अधिक समय लगता है और लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

किसान आंदोलन के चलते NH-9 बंद

मैनेजर को सहना पड़ा घाटा

NH-9 से सटे खोड़ा कॉलोनी की सर्विस लेन पर कई होटल्स और शोरूम हैं. नेशनल हाईवे बंद होने से होटल और शोरूम संचालक को क्या समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने निजी होटल के मैनेजर मोहम्मद फिरोज और मोटर साइकिल शोरूम और सर्विस सेंटर के मैनेजर भास्कर से बातचीत की.

होटल पर पड़ा काफी प्रभाव

होटल के मैनेजर मोहम्मद फिरोज ने बताया कि हमारा होटल लीज़ पर है. आंदोलन होने के कारण होटल पर काफी प्रभाव पड़ा है. NH-9 बन्द होने से ग्राहकों (guest) की संख्या 20 फीसदी ही रह गई है. फिलहाल हालत ये हो गई है काम तो छोड़िए घर से पैसा देना पड़ रहा है. एक महीने का करीब 3 से 4 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

100 फीसदी व्यापार खत्म

होटल से कुछ ही दूरी पर बाइक का शोरूम है. शोरूम के मैनेजर भास्कर का कहना है कि 100 फीसदी व्यापार खत्म हो गया. आंदोलन से पहले 30 से 40 गाड़ी की बिक्री होती थी. अब वहीं एक महीने में एक गाड़ी की बिक्री हो पा रही है. अब शोरूम में गाड़ियों की सर्विस कराने भी ग्राहक नहीं आ रहे है.

ये भी पढ़ें:-पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा टीएमसी में शामिल, BJP सरकार की नीतियों पर तंज

सीमाओं पर आंदोलन जारी रहेगा

किसान नेता भी साफ कर चुके हैं कि जब तक तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से कानून नहीं बनाया जाता, तब तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन जारी रहेगा.

गाजियाबाद: केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बार्डर समेत राजधानी की अन्य सीमाओं पर अन्नदाताओं का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम में शुरू हुआ यह आंदोलन अब गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है.

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लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती

26 जनवरी को दिल्ली में हुई ट्रैक्टर हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली पुलिस की तरफ से NH-9 को बैरिकेडिंग कर सील कर दिया. मौजूदा समय में लोगों को दिल्ली से गाजियाबाद आवागमन करने में अन्य मार्गों का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिसमें अधिक समय लगता है और लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

किसान आंदोलन के चलते NH-9 बंद

मैनेजर को सहना पड़ा घाटा

NH-9 से सटे खोड़ा कॉलोनी की सर्विस लेन पर कई होटल्स और शोरूम हैं. नेशनल हाईवे बंद होने से होटल और शोरूम संचालक को क्या समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने निजी होटल के मैनेजर मोहम्मद फिरोज और मोटर साइकिल शोरूम और सर्विस सेंटर के मैनेजर भास्कर से बातचीत की.

होटल पर पड़ा काफी प्रभाव

होटल के मैनेजर मोहम्मद फिरोज ने बताया कि हमारा होटल लीज़ पर है. आंदोलन होने के कारण होटल पर काफी प्रभाव पड़ा है. NH-9 बन्द होने से ग्राहकों (guest) की संख्या 20 फीसदी ही रह गई है. फिलहाल हालत ये हो गई है काम तो छोड़िए घर से पैसा देना पड़ रहा है. एक महीने का करीब 3 से 4 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

100 फीसदी व्यापार खत्म

होटल से कुछ ही दूरी पर बाइक का शोरूम है. शोरूम के मैनेजर भास्कर का कहना है कि 100 फीसदी व्यापार खत्म हो गया. आंदोलन से पहले 30 से 40 गाड़ी की बिक्री होती थी. अब वहीं एक महीने में एक गाड़ी की बिक्री हो पा रही है. अब शोरूम में गाड़ियों की सर्विस कराने भी ग्राहक नहीं आ रहे है.

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सीमाओं पर आंदोलन जारी रहेगा

किसान नेता भी साफ कर चुके हैं कि जब तक तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से कानून नहीं बनाया जाता, तब तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन जारी रहेगा.

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