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'सरकार ने बिल्डरों से 8500 और किसानों से ₹3500 प्रति गज जमीन ली, आखिर क्यों?'

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Published : Dec 6, 2019, 9:32 AM IST

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रभावित किसानों का प्रदर्शन उग्र होता दिख रहा है. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना था कि बिल्डरों से सरकार ने ₹8500 प्रति गज के हिसाब से जमीन ली है. जबकि किसानों से ₹3500 प्रति गज के हिसाब से जमीन ली गई है.

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किसानों ने कलक्ट्रेट आफिस पर प्रदर्शन किया.

गाजियाबाद: बुधवार को गाजियाबाद जिला मुख्यालय परिसर के बाहर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रभावित किसानों ने प्रशासन की वादा खिलाफी के खिलाफ प्रदर्शन किया. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे को लेकर किसानों का प्रदर्शन उग्र होता दिख रहा है.

किसानों ने कलक्ट्रेट आफिस पर प्रदर्शन किया.

इसी के कारण आसपास के गांव जिनकी जमीने एक्सप्रेस-वे में अधिग्रहण की गई है. उन सभी किसानों ने किसान कल्याण समिति के बैनर तले जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया.

'बिल्डरों की तरह ही किसानों को फायदा दें सरकार'
प्रदर्शनकारी किसानों का कहना था कि जिस तरह सरकार बिल्डरों को फायदा दे रही है. उन्हें भी उसी हिसाब से फायदा दें. किसानों का कहना था कि बिल्डरों से सरकार ने ₹8500 प्रति गज के हिसाब से जमीन ली है. जबकि किसानों से ₹3500 प्रति गज के हिसाब से जमीन ली गई है.

अभी तक नहीं दिया गया मुआवजा
किसानों के विशाल प्रदर्शन में विभिन्न विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए. किसान नेताओं ने बताया कि मेरठ मंडल आयुक्त ने उनको आश्वासन दिया था कि 2 महीने में उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अभी तक मुआवजा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं.

'मांगे न पूरी हुई तो हाईवे का काम बंद करवाएंगे'
हालांकि, प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रशासन के साथ बातचीत के बाद अपना धरना खत्म कर दिया. साथ ही किसान नेताओं का कहना था कि उनकी ओर से प्रशासन को उनकी समस्या का समाधान निकालने के लिए 6 दिन का समय दिया गया है. अगर इस समय के भीतर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो वे आगामी 11 तारीख के बाद हाईवे का काम बंद करवाएंगे.

गाजियाबाद: बुधवार को गाजियाबाद जिला मुख्यालय परिसर के बाहर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रभावित किसानों ने प्रशासन की वादा खिलाफी के खिलाफ प्रदर्शन किया. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे को लेकर किसानों का प्रदर्शन उग्र होता दिख रहा है.

किसानों ने कलक्ट्रेट आफिस पर प्रदर्शन किया.

इसी के कारण आसपास के गांव जिनकी जमीने एक्सप्रेस-वे में अधिग्रहण की गई है. उन सभी किसानों ने किसान कल्याण समिति के बैनर तले जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया.

'बिल्डरों की तरह ही किसानों को फायदा दें सरकार'
प्रदर्शनकारी किसानों का कहना था कि जिस तरह सरकार बिल्डरों को फायदा दे रही है. उन्हें भी उसी हिसाब से फायदा दें. किसानों का कहना था कि बिल्डरों से सरकार ने ₹8500 प्रति गज के हिसाब से जमीन ली है. जबकि किसानों से ₹3500 प्रति गज के हिसाब से जमीन ली गई है.

अभी तक नहीं दिया गया मुआवजा
किसानों के विशाल प्रदर्शन में विभिन्न विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए. किसान नेताओं ने बताया कि मेरठ मंडल आयुक्त ने उनको आश्वासन दिया था कि 2 महीने में उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अभी तक मुआवजा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं.

'मांगे न पूरी हुई तो हाईवे का काम बंद करवाएंगे'
हालांकि, प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रशासन के साथ बातचीत के बाद अपना धरना खत्म कर दिया. साथ ही किसान नेताओं का कहना था कि उनकी ओर से प्रशासन को उनकी समस्या का समाधान निकालने के लिए 6 दिन का समय दिया गया है. अगर इस समय के भीतर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो वे आगामी 11 तारीख के बाद हाईवे का काम बंद करवाएंगे.

Intro:बुधवार को गाजियाबाद जिला मुख्यालय परिसर के बाहर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से प्रभावित किसानों ने प्रशासन की वादा खिलाफी के खिलाफ प्रदर्शन किया. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे को लेकर किसानों का प्रदर्शन उग्र होता दिख रहा है इसी के चलते आसपास के गांव जिनकी जमीने एक्सप्रेस वे में अधिग्रहण की गई है उन सभी किसानों ने किसान कल्याण समिति के बैनर तले जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया.


Body:प्रदर्शनकारी किसानों का कहना था कि जिस तरह सरकार बिल्डरों को फायदा दे रही है उन्हें भी उसी हिसाब से फायदा दे. किसानों का कहना था कि बिल्डरों को सरकार ₹8500 प्रति ग़ज़ के हिसाब से ज़मीन ली है जबकि किसानों से ₹3500 प्रति गज के हिसाब से जमीन ली गई है.

किसानों के विशाल प्रदर्शन में विभिन्न विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए. किसान नेताओं ने बताया कि मेरठ मंडल आयुक्त ने उनको आश्वासन दिया था कि 2 महीने में उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा पर अभी तक कोई भी मुआवजा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं.


Conclusion:हालांकि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रशासन के साथ बातचीत के बाद अपना धरना खत्म कर दिया साथ ही किसान नेताओं का कहना था कि उनके द्वारा प्रशासन को उनकी समस्या का समाधान निकालने के लिए 6 दिन का समय दिया गया है अगर इस समय के भीतर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो वे आगामी 11 तारीख के बाद हाईवे का काम बंद करवाएंगे.
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