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CBI की बड़ी कार्रवाई, यूनियन बैंक में हुई 19 करोड़ की धोखाधड़ी में 8 पर मुकदमा

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Published : Nov 23, 2020, 10:19 PM IST

सीबीआई की देहरादून यूनिट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के कौशांबी शाखा यूनियन बैंक में हुए 19 करोड़ 59 लाख की धोखाधड़ी के मामले में नामजद 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

CBI की बड़ी कार्रवाई.
CBI की बड़ी कार्रवाई.

देहरादून/गाजियाबाद: सीबीआई टीम ने गाजियाबाद के कौशांबी शाखा स्थित यूनियन बैंक में 19 करोड़ 59 लाख की बैंक लोन धोखाधड़ी के मामले में 8 नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसा है. आरोप है कि दिल्ली स्थित गोविंदा इंटरनेशनल फर्म के संचालकों ने यूनियन बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर 19 करोड़ रुपए से अधिक की लोन की रकम को ठिकाने लगाने का काम किया है.

देहरादून सीबीआई की बड़ी कार्रवाई
देहरादून सीबीआई की बड़ी कार्रवाई

मामला 2017 का है, जिसमें गाजियाबाद कौशांबी स्थित यूनियन बैंक की शाखा से दिल्ली के गोविंदा इंटरनेशनल फर्म ने अपनी प्रॉपर्टी के एवज में 15 करोड़ रुपए की सीसी लिमिट बनाई थी. इसी लिमिट के चलते बैंक से 19 करोड़ 59 लाख का लोन लिया गया, जो आज तक बैंक को वापस नहीं किया गया है. सीबीआई ने मामले में आरोपी तत्कालीन बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसा है.

ये भी पढ़ें: बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नए कृषि कानून को किसानों के लिए बताया फायदेमंद

लोन फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों ने अपनी प्रॉपर्टी लिमिट का इस्तेमाल भी कर लिया और बैंक का कर्ज भी नहीं चुकाया. मामले में जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि आरोपी द्वारा अपने सारे स्टॉक बेच दिए गए हैं. जबकि बैंक में बंधक दिखाई गई संपत्ति को भी खुर्दबुर्द कर दिया गया है. ऐसे में तमाम जांच-पड़ताल के बाद देहरादून सीबीआई टीम ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षड़यंत्र रचने का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

प्रॉपर्टी की सीसी लिमिट बनाकर हुआ ऋण फर्जीवाड़ा
दिल्ली के फतेहपुर स्थित इलाके में ड्राई फ्रूट्स और किराना के थोक व्यापारी भी इस मामले में नामजद हैं. गोविंदा इंटरनेशनल के मालिक ने केशव जोशी और पवन कुमार शर्मा के साथ मिलकर पहले अपनी प्रॉपर्टी को गाजियाबाद के यूनियन बैंक में बंधक बनाकर लिमिट तय कराई. उसके बाद लोन लेकर पूरी साजिश को अंजाम दिया. आरोप के मुताबिक ऋण लेने के बाद बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस पूरे घोटाले में आरोपित कारोबारियों की मदद की. आरोपी यूनियन बैंक के कारनामे का खुलासा तब हुआ, जब यह जांच की फाइल मुंबई स्थित आरबीआई ऑफिस पहुंची. मुंबई आरबीआई टीम की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ. ऐसे में इस मामले पर यूनियन बैंक के रीजनल मैनेजर सरोज दास ने बीते अक्टूबर 2020 को सीबीआई लखनऊ को लिखित शिकायत दर्ज कराई. लखनऊ सीबीआई टीम ने इस मामले को देहरादून सीबीआई को ट्रांसफर किया. जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई गई.

इन लोगों के खिलाफ किया सीबीआई ने मुकदमा

  1. गोविंदा इंटरनेशनल फर्म, गांधी गली फतेहपुर, दिल्ली
  2. केशव जोशी, फर्म संचालक, चावड़ी बाजार चांदनी चौक, नई दिल्ली
  3. पवन कुमार शर्मा, लोन गारंटर गली गांधी चांदनी चौक, नई दिल्ली
  4. एग्सन ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली
  5. एएसएम प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली
  6. आरएम एंड एसोसिएट, हसनपुर दिल्ली रोड, सहारनपुर
  7. ग्लोबल वेल्यूस एंड एसोसिएट, द्वारिका नई दिल्ली
  8. अज्ञात सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी

यूनियन बैंक के इन कर्मचारियों पर कस सकता है शिकंजा

1. अनिल रावत, तत्कालीन यूनियन बैंक हेड
2. शेफाली शर्मा, तत्कालीन ब्रांच मैनेजर
3. एनके चैतन्य, चीफ मैनेजर क्रेडिट
4. जीसी शर्मा, एसएम, आरएमडी
5. गौतम गौतम, चीफ मैनेजर पीएंडडी
6. एमपी कुलश्रेष्ठ, डीजीएम

देहरादून/गाजियाबाद: सीबीआई टीम ने गाजियाबाद के कौशांबी शाखा स्थित यूनियन बैंक में 19 करोड़ 59 लाख की बैंक लोन धोखाधड़ी के मामले में 8 नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसा है. आरोप है कि दिल्ली स्थित गोविंदा इंटरनेशनल फर्म के संचालकों ने यूनियन बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर 19 करोड़ रुपए से अधिक की लोन की रकम को ठिकाने लगाने का काम किया है.

देहरादून सीबीआई की बड़ी कार्रवाई
देहरादून सीबीआई की बड़ी कार्रवाई

मामला 2017 का है, जिसमें गाजियाबाद कौशांबी स्थित यूनियन बैंक की शाखा से दिल्ली के गोविंदा इंटरनेशनल फर्म ने अपनी प्रॉपर्टी के एवज में 15 करोड़ रुपए की सीसी लिमिट बनाई थी. इसी लिमिट के चलते बैंक से 19 करोड़ 59 लाख का लोन लिया गया, जो आज तक बैंक को वापस नहीं किया गया है. सीबीआई ने मामले में आरोपी तत्कालीन बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसा है.

ये भी पढ़ें: बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नए कृषि कानून को किसानों के लिए बताया फायदेमंद

लोन फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों ने अपनी प्रॉपर्टी लिमिट का इस्तेमाल भी कर लिया और बैंक का कर्ज भी नहीं चुकाया. मामले में जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि आरोपी द्वारा अपने सारे स्टॉक बेच दिए गए हैं. जबकि बैंक में बंधक दिखाई गई संपत्ति को भी खुर्दबुर्द कर दिया गया है. ऐसे में तमाम जांच-पड़ताल के बाद देहरादून सीबीआई टीम ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षड़यंत्र रचने का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

प्रॉपर्टी की सीसी लिमिट बनाकर हुआ ऋण फर्जीवाड़ा
दिल्ली के फतेहपुर स्थित इलाके में ड्राई फ्रूट्स और किराना के थोक व्यापारी भी इस मामले में नामजद हैं. गोविंदा इंटरनेशनल के मालिक ने केशव जोशी और पवन कुमार शर्मा के साथ मिलकर पहले अपनी प्रॉपर्टी को गाजियाबाद के यूनियन बैंक में बंधक बनाकर लिमिट तय कराई. उसके बाद लोन लेकर पूरी साजिश को अंजाम दिया. आरोप के मुताबिक ऋण लेने के बाद बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस पूरे घोटाले में आरोपित कारोबारियों की मदद की. आरोपी यूनियन बैंक के कारनामे का खुलासा तब हुआ, जब यह जांच की फाइल मुंबई स्थित आरबीआई ऑफिस पहुंची. मुंबई आरबीआई टीम की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ. ऐसे में इस मामले पर यूनियन बैंक के रीजनल मैनेजर सरोज दास ने बीते अक्टूबर 2020 को सीबीआई लखनऊ को लिखित शिकायत दर्ज कराई. लखनऊ सीबीआई टीम ने इस मामले को देहरादून सीबीआई को ट्रांसफर किया. जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई गई.

इन लोगों के खिलाफ किया सीबीआई ने मुकदमा

  1. गोविंदा इंटरनेशनल फर्म, गांधी गली फतेहपुर, दिल्ली
  2. केशव जोशी, फर्म संचालक, चावड़ी बाजार चांदनी चौक, नई दिल्ली
  3. पवन कुमार शर्मा, लोन गारंटर गली गांधी चांदनी चौक, नई दिल्ली
  4. एग्सन ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली
  5. एएसएम प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली
  6. आरएम एंड एसोसिएट, हसनपुर दिल्ली रोड, सहारनपुर
  7. ग्लोबल वेल्यूस एंड एसोसिएट, द्वारिका नई दिल्ली
  8. अज्ञात सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी

यूनियन बैंक के इन कर्मचारियों पर कस सकता है शिकंजा

1. अनिल रावत, तत्कालीन यूनियन बैंक हेड
2. शेफाली शर्मा, तत्कालीन ब्रांच मैनेजर
3. एनके चैतन्य, चीफ मैनेजर क्रेडिट
4. जीसी शर्मा, एसएम, आरएमडी
5. गौतम गौतम, चीफ मैनेजर पीएंडडी
6. एमपी कुलश्रेष्ठ, डीजीएम

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