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प्रवासी मजदूरों को सता रहा लॉकडाउन का डर, लौट रहे अपने घर

गाजियाबाद के कौशांबी बस डिपो में यात्रियों की संख्या में एक बार फिर इजाफा हुआ है. इन यात्रियों में वे लोग भी शामिल हैं, जो दिल्ली में कामकाज की तलाश में आए थे, लेकिन अब वे लॉकडाउन के डर से वापस जा रहे हैं.

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Published : Apr 8, 2021, 2:24 PM IST

प्रवासी मजदूरों को सता रहा लॉकडाउन का डर
प्रवासी मजदूरों को सता रहा लॉकडाउन का डर

गाजियाबाद: देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे एक बार फिर लोगों में डर आ गया है. दिल्ली में काम करने आए मजदूर लॉकडाउन होने की आशंका से घर वापस जाने लगे हैं. यही कारण है कि कौशांबी बस डिपो पर यात्रियों की संख्या में इजाफा हो गया है. इन यात्रियों में वे लोग भी शामिल हैं, जो दिल्ली में कामकाज की तलाश में आए थे.

प्रवासी मजदूरों को सता रहा लॉकडाउन का डर


गहरे हैं 2020 के घाव

इन मजदूरों में से अरविंद का कहना है कि साल 2020 में जब लॉकडाउन लगा तो उन्हें पैदल ही अपने गांव जाना पड़ा था. उन्हें लॉकडाउन का डर सता रहा है. इसलिए पहले ही दिल्ली से वापस जाने के लिए बस पकड़ने आए हैं.

ये भी है खबर- कौशाम्बी के लिए ट्रैफिक प्लान तैयार, जनता के फीडबैक के बाद होगा लागू

अफवाहों पर यकीन

हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं है. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर चल रही बातों पर यकीन करके कुछ लोग वापस जा रहे हैं. दिल्ली में लगे नाइट कर्फ्यू के बाद ये डर और ज्यादा बढ़ गया है. कौशांबी बस डिपो पर खड़ी हुई, बसों में पहले की तुलना में यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा देखी गई. हालांकि यात्री बसों में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी सख्ती से पालन करवाया जा रहा है. इसलिए पहले के मुकाबले मास्क पहनने वाले लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा देखने को मिली है.

पिछले साल जुटी थी मजदूरों की भारी भीड़

बीते साल आनंद विहार के पास कौशांबी बस डिपो पर ही लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंच गए थे. जिनमें से भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों को पैदल ही अपने गंतव्य तक जाना पड़ा था. इस बार प्रवासी मजदूर को डर है कि कहीं पिछले साल जैसी स्थिति दोबारा उत्पन्न ना हो जाए, जिसके चलते वे पहले ही अपने घर वापस जा रहे हैं. ऐसे में सरकार की चिंता और चुनौती और ज्यादा बढ़ गई है.

गाजियाबाद: देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे एक बार फिर लोगों में डर आ गया है. दिल्ली में काम करने आए मजदूर लॉकडाउन होने की आशंका से घर वापस जाने लगे हैं. यही कारण है कि कौशांबी बस डिपो पर यात्रियों की संख्या में इजाफा हो गया है. इन यात्रियों में वे लोग भी शामिल हैं, जो दिल्ली में कामकाज की तलाश में आए थे.

प्रवासी मजदूरों को सता रहा लॉकडाउन का डर


गहरे हैं 2020 के घाव

इन मजदूरों में से अरविंद का कहना है कि साल 2020 में जब लॉकडाउन लगा तो उन्हें पैदल ही अपने गांव जाना पड़ा था. उन्हें लॉकडाउन का डर सता रहा है. इसलिए पहले ही दिल्ली से वापस जाने के लिए बस पकड़ने आए हैं.

ये भी है खबर- कौशाम्बी के लिए ट्रैफिक प्लान तैयार, जनता के फीडबैक के बाद होगा लागू

अफवाहों पर यकीन

हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं है. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर चल रही बातों पर यकीन करके कुछ लोग वापस जा रहे हैं. दिल्ली में लगे नाइट कर्फ्यू के बाद ये डर और ज्यादा बढ़ गया है. कौशांबी बस डिपो पर खड़ी हुई, बसों में पहले की तुलना में यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा देखी गई. हालांकि यात्री बसों में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी सख्ती से पालन करवाया जा रहा है. इसलिए पहले के मुकाबले मास्क पहनने वाले लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा देखने को मिली है.

पिछले साल जुटी थी मजदूरों की भारी भीड़

बीते साल आनंद विहार के पास कौशांबी बस डिपो पर ही लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंच गए थे. जिनमें से भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों को पैदल ही अपने गंतव्य तक जाना पड़ा था. इस बार प्रवासी मजदूर को डर है कि कहीं पिछले साल जैसी स्थिति दोबारा उत्पन्न ना हो जाए, जिसके चलते वे पहले ही अपने घर वापस जा रहे हैं. ऐसे में सरकार की चिंता और चुनौती और ज्यादा बढ़ गई है.

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